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छत्तीसगढ़ के साय सरकार का बड़ा फैसला…40% तक बढ़ाई डॉक्टरों- प्रोफेसरों की वेतन…पढ़ें पूरी खबर



Chhattisgarh News/रायपुर :- छत्तीसगढ़ सरकार ने मेडिकल कॉलेज स्टाफ को सैलरी में ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी करके बड़ी सौगात दी है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने छत्तीसगढ़ के शासकीय मेडिकल कॉलेजों के सीनियर रेजिडेंस से लेटर प्रोफेसर्स की वेतन बढ़ा दी है.

बता दें, गैर अनुसूचित क्षेत्रों में 1 लाख 90 हजार रुपये वेतन मिलेगा. अनुसूचित क्षेत्रों में वेतन में लगभग 46 फीसदी और गैर अनुसूचित क्षेत्रों में लगभग 23 फीसदी बढोत्तरी की जा रही है.

हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीनियर रेजिडेंट, डेमोंस्ट्रेटर (पीजी), असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के वेतन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की घोषणा की है. स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार के लिए यह फैसला लिया गया है.

1 सितंबर से मिलेगी बढ़ी हुई इतनी सैलरी

वहीं, नया वेतन राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 1 सितंबर 2024 से लागू होगा. छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, महत्वपूर्ण वेतन वृद्धि की गई है. उदाहरण के लिए, गैर-अनुसूचित क्षेत्रों में प्रोफेसरों का वेतन 1.55 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.90 लाख रुपये कर दिया गया है, जबकि अनुसूचित क्षेत्रों में वेतन 1.90 लाख रुपये से बढ़कर 2.25 लाख रुपये हो गया है. एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर और सीनियर रेजिडेंट के लिए आनुपातिक वृद्धि हुई है.

दरअसल, अनुसूचित क्षेत्रों में लगभग 46% और गैर-अनुसूचित क्षेत्रों में 23% वेतन वृद्धि का लक्ष्य रखते हुए, यह फैसला स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सरकार की मजबूत मंशा को दर्शाता है. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, “राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार में कोई समझौता नहीं किया जाएगा.” उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा के लिए शिक्षकों के लिए उचित पारिश्रमिक महत्वपूर्ण है.

असिस्टेंट प्रोफेसर की सैलरी बढ़कर 1.55 लाख हुई

फिलहाल, सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 35 हजार रुपये से 1 लाख 55 हजार रुपये, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार रुपये से 1 लाख रुपये तथा सीनियर रेसीडेंट और प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि अस्पतालों की व्यवस्था ऐसी होगी कि मंत्री भी शासकीय अस्पतालों में जाकर इलाज करा सकेंगे.


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