Latest:
Trending Newsस्वास्थ्य

क्या है डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड , क्या हैं इसके फायदा और किस तरह कर सकते हैं इसे प्राप्त ? आइए जानते हैं …..

आमतौर पर जो लोग किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होते हैं, उन्हें इलाज से जुड़े सभी मेडिकल प्रिस्क्रिप्शंस, लैब टेस्ट रिपोर्ट आदि को मैनुअल तरीके से संजोकर रखना पड़ता है। समय के साथ इसकी एक मोटी फाइल तैयार हो जाती है। दिक्कत यह है कि अक्सर सभी रिकार्ड को मैनुअल तरीके से संभाल कर रखना आसान नहीं होता है। इतना ही नहीं, जब इलाज के लिए अलग-अलग डाक्टर के पास या हास्पिटल जाते हैं, तो कई बार टेस्ट फिर से करवाने पड़ते हैं । इससे खर्च बहुत ज्यादा पड़ जाता है।

डाक्टर को भी पता नहीं होता कि संबंधित व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री क्या है। लेकिन अब डिजिटल हेल्थ आइडी कार्ड इसका एक समाधान हो सकता है। यह आधार कार्ड की तरह ही एक डिजिटल पहचान पत्र है, जिसमें संबंधित व्यक्ति का पूरा मेडिकल डाटा होता है। डाक्टर सिर्फ एक क्लिक के जरिए उस व्यक्ति की पूरी मेडिकल हिस्ट्री का पता लगा सकेंगे। साथ ही, हर बार इलाज के लिए रिपोर्ट और प्रिस्क्रिप्शन ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।इस कार्ड से ही आपका काम हो जायेगा। यह कार 14 अंको वाला होता है और स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां सहेजकर रखता है ।

क्या है डिजिटल हेल्थ आइडी : यह स्वास्थ्य से जुड़ा एक डिजिटल हेल्थ आइडी कार्ड है। इसे मोबाइल नंबर या आधार के जरिए भी बनाया जा सकता है। मोबाइल पर एबीडीएम हेल्थ रिकाड्र्स एप डाउनलोड कर भी यह कार्ड बना सकते हैं। इसमें अपनी बेसिक जानकारी दर्ज करनी होती है। इससे अस्पतालों और कंपनियों को हेल्थ रिकार्ड को डिजिटली एक्सेस करने की सुविधा मिलती है, लेकिन अच्छी बात यह है कि आपकी सहमति के बिना इसे एक्सेस नहीं किया जाता है। यूजर को कंसेंट मैनेजमेंट यानी सहमति के लिए पर्सनल हेल्थ रिकाड्र्स (पीएचआर) एड्रेस सेटअप करना होता है। यह स्व-घोषित यूजरनेम है। भविष्य में हेल्थ इंफार्मेशन शेयर और कंसेंट मैनेजर में साइनइन करने के लिए इसकी जरूरत पड़ेगी। डाटा शेयरिंग के लिए सभी हेल्थ आइडी को एक कसेंट मैनेजर से लिंक किया जा सकता है।

हेल्थ कार्ड में पूरी मेडिकल हिस्ट्री : हेल्थ आइडी कार्ड में लैब टेस्ट, मेडिकल हिस्ट्री, डाक्टर्स विजिट, प्रिस्क्रिप्शंस, इलाज की डिटेल्स आदि शामिल होती है। एनडीएचएम की वेबसाइट के मुताबिक, यह डाटा पर्सनल हेल्थ रिकार्ड-सिस्टम के तहत होगा, जिसे संबंधित व्यक्ति खुद ही मैनेज कर सकेंगे। यदि मरीज किसी नये शहर में जाता है या किसी नये डाक्टर के पास जाता है, तो भी चिकित्सा सहायक और अस्पताल बेहतर इलाज के लिए इससे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

इस तरह खुद बना सकते हैं अपना डिजिटल हेल्थ आइडी कार्ड

हेल्थ आइडी कार्ड बनाने के लिए सबसे पहले आपको नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की आधिकारिक वेबसाइट healthid.ndhm.gov.in पर जाना होगा। नीचे स्क्राल करें और जेनरेट हेल्थ आइडी टैब पर क्लिक करें। आथेंटिकेशन के लिए अपना आधार नंबर और मोबाइल अपने पास रखें। अब14 अंकों का आधार नंबर दर्ज करें। डिक्लेरेशन को ध्यान से पढ़ने के बाद सबमिट पर क्लिक करें।आथेंटिकेशन के लिए अपना आधार नंबर और मोबाइल अपने पास रखें। अब14 अंकों का आधार नंबर दर्ज करें। डिक्लेरेशन को ध्यान से पढ़ने के बाद सबमिट पर क्लिक करें। रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजे गए छह अंकों के ओटीपी को दर्ज करके आथेंटिकेशन प्रक्रिया का पालन करें ।अब मोबाइल नंबर दर्ज करें। दर्ज किए गए मोबाइल नंबर पर आपको एक नया ओटीपी प्राप्त होगा। सही ओटीपी दर्ज करें और सबमिट पर क्लिक करें। इसके बाद आधार डिटेल दिखाने वाले एक पेज पर ले जाया जाएगा। अपना पीएचआर (पर्सनल हेल्थ रिकार्ड) एड्रेस दर्ज करें। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सभी हेल्थ आइडी यूजर हेल्थ आइडी साइनअप के दौरान अपना स्वयं का पीएचआर एड्रेस जेनरेट कर सकते हैं। आवश्यक व्यक्तिगत डिटेलदर्ज करने के बाद सबमिट पर क्लिक करें। इसके बाद कंफर्मेशन पेज पर दिखाई देगा कि आपका हेल्थ आइडी कार्ड तैयार हो गया है। अपना 14 अंकों का व्यक्तिगत स्वास्थ्य आइडी कार्ड देखने और डाउनलोड करने के लिए नीचे की तरफ स्क्राल करें। आप चाहें, तो अपने डिजिटल हेल्थ आइडी कार्ड के लिए पासवर्ड भी बना सकते हैं।

क्या हैं इसके फायदे : अगर हेल्थ डाटा अभी भी पेपर फार्मेट में स्टोर करते हैं, तो इसे खोने का डर भी होता है। ऐसी स्थिति में यह हेल्थ आइडी कार्ड उपयोगी हो सकता है। हेल्थ आइडी में उपचार, डिस्चार्ज और आपके द्वारा कराए गए सभी मेडिकल टेस्ट का पूरा विवरण होता है। मेडिकल हिस्ट्री से डाक्टर को बेहतर इलाज में मदद मिल सकती है। बच्चों के हेल्थ आईडी कार्डके साथ नॉमिनी का भी नाम जोड़ सकते हैं हलाकि या बाद की प्रक्रिया है।

कितना सुरक्षित है : (नेशनल हेल्थ अथारिटी) का कहना है कि वह आपके किसी भी हेल्थ रिकार्ड को स्टोर नहीं करता है। इस रिकार्ड को हेल्थकेयर इंफार्मेशन प्रोवाइडर्स के पास उनकी रिटेंशन पालिसीज के तहत स्टोर किया जाता है। आपकी सहमति के बाद ही डाटा को एंक्रिप्शन मैकेनिज्म के साथ एबीडीएम नेटवर्क पर साझा किया जाता है।यूजर कार्ड को डिलीट या इनैक्टिव भी कर सकते हैं ।