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अंततःअनुशासन पर सक्रिय हुई छग कांग्रेस:पूर्व महामंत्री अरुण भद्रा को कारण बताओ नोटिस, सोशल मीडिया में पार्टी छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप

रायपुर । वर्तमान भारत ।

इरफान सिद्दीकी ( उप संपादक)

पिछले एक सप्ताह में कई बार हो चुकी मारपीट और अभद्रता की घटनाओं के बाद पार्टी अनुशासन को लेकर कांग्रेस अचानक सक्रिय हो गई है। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल के निलंबन के बाद एक और एक्शन हुआ है। प्रदेश कांग्रेस ने पूर्व महामंत्री अरुण भद्रा को नोटिस जारी कर तीन दिनों में जवाब मांगा है।भद्रा पर सोशल मीडिया में टिप्पणी से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं। बताया जा रहा है, अरुण भद्रा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर कुछ टिप्पणियां की थी। ये टिप्पणियां सन्नी अग्रवाल के निलंबन से जुड़ी थी। एक टिप्पणी पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को निशाना बना रही थी। इस टिप्पणी से संगठन भड़क उठा है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। इसमें कहा गया, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से पिछले दिनों की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं सोशल मीडिया में आपके द्वारा की गई अनर्गल टिप्पणी का मामला संज्ञान में आया है।इस प्रकार सोशल मीडिया में की गई टिप्पणी से पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। यह अनुशासनहीनता की परिधि में आता है। इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी को अपना लिखित जवाब तीन दिनों के भीतर प्रस्तुत करें। महामंत्री प्रशासन ने लिखा है, अन्यथा की स्थिति में एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

प्रशिक्षण टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा


प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मंत्री अरुण भद्रा पार्टी की प्रशिक्षण टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने असम और उत्तर प्रदेश कांग्रेस का कैडर तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2018 चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रशिक्षण में भी भद्रा काफी सक्रिय रहे थे।

कद से छोटा पद लेने से किया था इनकार

कद से छोटा पद दिया तो इनकार कर दिया
इस साल जुलाई में सरकार ने अरुण भद्रा को रायपुर विकास प्राधिकरण में सदस्य बनाया था। भद्रा ने यह पद लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, मैं ये पद नहीं ले सकता। पार्टी ने लिस्ट जारी करते वक्त वरिष्ठता का ध्यान नहीं रखा। हम लोग इतने सालों से घर-बार छोड़कर पार्टी के काम में लगे रहते हैं। साफ है कि दबाव में आकर लोगों को पद बांटे गए हैं। सभी पुराने नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है। इससे उनके मन में असंतोष पैदा हो रहा है। पार्टी को सोचना चाहिए कि आगे भी चुनाव लड़ना है।