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केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा – मुस्लिम नहीं थे जिन्ना के दादा , जिन्ना कनवर्टेड थे, उनके पिता बाद में मुस्लिम बने

वाराणसी । वर्तमान भारत ।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने वाराणसी में जिन्ना को लेकर बड़ा बयान दिया है। वाराणसी के संस्कृति संसद में कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना कनवर्टेड थे। उनके दादा मुस्लिम नहीं थे। जबकि उनके पिता उम्र का एक पड़ाव पार करने के बाद मुस्लिम बने। मगर, भारत का मत किसी को बाहर करने का नहीं है। मानव सेवा ही माधव सेवा है।

आगे उन्होंने कहा कि हम सब एक ही आत्मा के बंधन में बंधे हुए हैं। हमारी संस्कृति में जो हमारी निंदा करता है। हम उसको भी अपने साथ लेकर चलते हैं। धर्म और अधर्म के बीच उलझे व्यक्ति को शंकराचार्य, स्वामी विवेकानंद और संतों की जरूरत होती है। हम अपनी संस्कृति पर गर्व करें, मगर संस्कृति के प्रति अपने कर्मों पर शर्म भी कर लें। हमें भारत में जिस तरह से हिंदू संस्कृति का प्रसार करना था। हमने नहीं किया। हम नाकाम हो गए। काशी में शंकराचार्य ने चांडाल के भी पैर छूए थे। उनकी विद्या और उनका विनय, दोनों सबसे बड़ा ज्ञान था।

ऋषि-मुनियों ने नस्ल नहीं आत्मा को बनाया आधार


राज्यपाल ने अपनेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे संबोधन में कहा कि दिखाने के लिए दुनिया में संस्कृति नस्ल, भाषा, रंग-रूप से बांटी जाती है। हमारे ऋषि मुनियों ने इन्हें नहीं, बल्कि आत्मा को आधार बनाया था। इस संस्कृति में रावण के विरोध में उसके दुष्ट व्यवहार के लिए लड़ाई होती है। दुनियाभर के लोगों ने हिंदू संस्कृति को विचार की तरह नहीं लेते हुए जरूरत के आधार पर लिया है।

एडवांस डेमोक्रेसी पश्चिमी देशों की देन


आज चल रही एडवांस डेमोक्रेसी भले ही पश्चिमी देशों की देन हो, मगर भारत में 2 हजार साल पहले ही आध्यात्मिक डेमोक्रेसी आ चुकी थी। इसका मूल हमारी आत्मा ही है। जोकि सबको एकत्व करती है। राज्यपाल ने कहा कि भारत में महिलाओं का सम्मान तब से है, जब पश्चिमी देशों में महिलाओं में आत्मा को नहीं मानने की परंपरा थी। हमें अब समभाव भारत को मजबूत करना है। इसी पर हमारी प्राचीन संस्कृति विराजमान होगी। इस दौरान सत्र की अध्यक्षता अविचल दास ने की।


जिन्ना को लेकर यूपी में सियासी बयान आते रहे…

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था सरदार पटेल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, (मोहम्मद अली) जिन्ना एक ही संस्था में पढ़कर के बैरिस्टर बनकर आए थे। उन्होंने आजादी दिलाई। संघर्ष करना पड़ा हो तो वो पीछे नहीं हटे।

सुलेहदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया कि अगर मोहम्मद अली जिन्ना भारत के प्रधानमंत्री बने होते तो देश का विभाजन नहीं होता ।