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लव मैरिज वाला मंदिर : प्रेमी जोड़ों का यहां होता है लव मैरिज ………अब तक 28500 जोड़े कर चुके हैं शादी …… शादियों के रखा जाता है रिकॉर्ड

रायपुर । वर्तमान भारत ।

ए.के.सिंह ( संपादक )

हर प्यार करने वाला अपने अपने प्यार के साथ ही जीना चाहता है।उसे किसी है स्तिथि मे खोना नहीं चाहता ।लेकिन , इसकी डगर आसान नहीं है ।आमतौर हर प्रेमी को परिवार और समाज के विरोध सामना करना पड़ता है। यह विरोध तो कभी – कभी इतना उग्र होता है कि प्रेमी जोड़े की हत्या तक हो जाती है। कई बार घर से भागना पड़ जाता है तो कई बार इस रिश्ते को तोड़कर अलग – अलग रहना पड़ता है।मगर प्रेमियों को जानकर यह सुखद लगेगा कि भारत में एक मंदिर ऐसा भी है जहां प्रेमी जोड़ों की शादी होती है। अब तक यह 28हजार 500 जोड़े शादी के बंधन मे बंध चुके हैं। आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में ।

यह मंदिर छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर के बैजनाथपारा में है। इसकी स्थापना 1907 में हुई थी। यह मंदिर है – आर्य समाज मंदिर ! इस मंदिर की स्थापना तब हुई थी जब 1907 में भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय रायपुर आए थे। शहर के लाल बैजनाथ ने इस मंदिर को बनाने मे सहयोग प्रदान किया था ,जिसके कारण अब इस इलाके को बैजनाथपारा कहा जाता है ।

आर्य समाज मंदिर इस वजह से करता है शादी

विदित हो कि आर्य समाज की स्थापना 1875मे स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी।इस समाज का मकसद सनातन धर्म को वैदिक प्रचार करना है। वेद प्रचार के लिए आर्य समाज की स्थापन की गई थी। यह समाज जात – पात को नहीं मानता , इसी वजह से समाज की एकता के लिए यह समाज अंतर्जातीय विवाह का समर्थन करता है ।

क्या करना पड़ता है प्रेमी जोड़े को

आर्य समाज मंदिर में शादी के लिए प्रेमी जोड़ों का हिन्दू होना जरूरी है। गैर हिन्दू होने पर उनका वैदिक शुद्धिकरण संस्कार करने के बाद ही विवाह किया जाता है। शादी के जोड़े को चार – चार पासपोर्ट साइज का फोटो और लड़का – लड़की दोनों को अलग – अलग शपथ पत्र देना होता है।जोड़ों की तरफ से तीन लोगों का मौजूद होना भी जरूरी है। विवाह के लिए 4000रुपए विवाह शुल्क लिया जाता है । किन्तु ,आर्थिक रूप से कमजोर जोड़ों को संस्था वाले कई बार निःशुल्क भी विवाह करा देते हैं ।जोड़ों को 2 मीटर पिला कपड़ा , फूलों के दो हार , कुछ फूल और जरूरत के अनुसार मिठाई लेकर जाना होता है। इसके बाद शादी हो जाती है ।

मंदिर मे आने वाले जोड़ों नहीं होना पड़ता है निराश

कई बार ऐसा होता कि प्रेमी जोड़े घर वालों को बिना बताए शादी के लिए मंदिर में पहुंच जाते है जिसकी भनक लगने पर घर वाले अपने रिश्तेदारों और गुंडों को भी लेकर पहुंच जाते हैं और विवाद कि स्तिथि उत्पन्न हो जाती है । अभी हाल ही में वहां ऐसी ही एक घटना घट गई थी।दूल्हे को उसका भाई मंदिर से उठाकर ले जा रहा था। समाज के पदाधिकारियों ने उसे रोका । पुलिस बुलाई गई ,फिर शादी कराई गई।समाज के प्रधान लक्ष्मी नारायण के कथनानुसर , ” जो हमारी चौखट के अंदर आ गया , उस जोड़े की शादी होकर ही रहती है। ”

रखा जाता है रिकॉर्ड

आर्य समाज मंदिर में जितनी भी शादियां होती है ,सबका विधिवत रिकॉर्ड रखा जाता है। उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार अब तक यहां 28हजार 500 शादियां हो चुकी हैं। मंदिर के पदाधिकारियों के अनुसार सन 2019 मे 2131 , 2020 मे 1532 और 2021 मे 1762 शादियां यहां हुईं है। कोविड की वजह से इन सत्रो मे शादियां कम हुईं है अन्यथा सामान्य दिनों मे यहां प्रतिवर्ष 2000 से अधिक शादियां होती हैं ।