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मंत्रालय घेरने जा रहे किसानों को पुलिस ने रोका; धूप में सड़क पर बैठ गईं हजारों महिलाएं

वर्तमान भारत । रायपुर ब्यूरो

पिछले 68 दिनों से NRDA (नवा रायपुर विकास प्राधिकरण ) के बाहर धरना दे रहे किसानों का गुस्सा आज अचानक फुट पड़ा और हजारों की संख्या में मंत्रालय घेरने निकल पड़े । इस रैली मे बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल थीं। इसके पहले कि किसान मंत्रालय पहुंच पाते पुलिस ने रास्ते में ही उन्हे रोक लिया।इस किसानों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया और महिलाएं वहीं जमीन पर बैठे गईं ।

वॉटर कैनन मंगवाई गईं

कुछ ही दूरी पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी। 200 से अधिक पुलिस के जवान बॉडी आर्मर (कवच) पहने किसानों को डंडे के बल पर रोकने लगे। किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इसके बाद इस मार्च में शामिल महिलाओं ने बैरिकेड के पास ही सड़क में बैठकर धूप में धरना देना शुरू कर दिया। अफसर इन्हें हटने को समझा रहे हैं, मगर किसान मानने को तैयार नहीं। इन पर वॉटर कैनन (भीड़ पर पानी की बौछार करने वाली मशीन) तान दी गई है।

इलाके को सीलकर पुलिस ने मोर्चा संभाला।


सुबह आंदोलन स्थल पर एकत्र हुए किसानों से अपील फार्म भरवाया गया। हजारों लोगों ने ये फॉर्म भरा। किसानों के इस पैदल मार्च को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने बीती रात से ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। सड़क पर प्रशासन ने लोहे-कांक्रीट से बैरिकेड लगाए। रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने मंत्रालय और आसपास के 100 मीटर के दायरे में चारों तरफ से आने वाली सड़कों पर धारा 144 लागू कर दी।

किसानों के पैदल मार्च निकाला

अब किसानों ने यहां आमरण अनशन शुरू कर दिया है। आंदोलन में किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल में महिलाएं भी शामिल हो गई हैं। गुरुवार को खंडवा की दीपा वर्मा, गीता ध्रुव, राखी की रमशिला साहू, वीणा बाई साहू, पलौद की किरण साहू, सोनवती धीवर, परसदा की रानीबाई घृतलहरे, सुमित्रा बाई चंद्राकर, उपरवारा की गंगाबाई धीवर उपवास पर बैठी थीं।

इस वजह से अब भी नाराज हैं किसान

इस विरोध प्रदर्शन में वो किसान शामिल हैं जिनकी जमीन लेकर सरकार ने नवा रायपुर बनाया।
अब ये रोजगार और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों सरकार ने इन्हें दुकान, रोजगार, जमीन का पट्‌टा देने की बात कही, मगर किसान संगठन ने कहा कि ये बातें उनकी शर्तों के मुताबिक नहीं हैं। सिर्फ जुमलेबाजी है।
किसान चाहते हैं लेयर 1 के 14 गांवों में जमीन खरीदने बेचने पर रोक हटे। आंदोलन की वजह से सरकार लेयर 2 व 3 के 13 गांवों का प्रतिबंध हटा चुकी है।
सरकार 2012 में 18 साल के रहे विवाहित व्यक्तियों को ही 1200 वर्गफीट का पट्‌टा देने की बात की है। जबकि किसान संगठन 2022 की गणना पर 18 साल के प्रत्येक वयस्क को विवाहित हो या न हो 1200 वर्ग फीट विकसित भूखण्ड देने की मांग की है।