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कम दिहाड़ी और बिना सुरक्षा साधन के बीच बॉक्साइट उत्खनन में मजदूर जान जोखिम में डालकर कर रहे हैं काम ,रसूखदार हिंडाल्को की मनमानी चरम पर ,प्रशासन मौन …

कुसमी से अमित सिंह की रिपोर्ट।

समाज सेवा रूपी मुखौटा पहना हुआ हिंडालको मजदूरों का खून चूस रहा है , जी हां आप सच पढ़ रहे हैं हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड अपने मुनाफे के लिए किसी भी हद तक जा सकती है ,जिसका जीता जागता उदाहरण सभी माइंस उत्खनन क्षेत्र में देखा जा सकता है, जहां माइनर लेबर जिनका बी फार्म में नाम अंकित है उनके अलावा बेरोजगारी का जमकर फायदा उठाकर दूर-दूर गांव से आए हुए मजदूरों को कम दैनिक मजदूरी देकर खुलेआम काम बिना किसी सुरक्षा साधन के बॉक्साइट उत्खनन कार्य करवाया जा रहा है ताकि उत्खनन की मात्रा बढ़ाई जा सके जिससे कंपनी को और मुनाफा हो। जिन मजदूरों का नाम बी फार्म या इसे हम बोलचाल की भाषा में नियमित मजदूर कह सकते हैं उन्हें प्रतिदिन कंपनी के द्वारा ₹562 का दैनिक भुगतान दिया जाता है बशर्ते उन्हें ढाई टन बॉक्साइट पत्थर तोड़ कर उसे एक जगह चट्टा लगाना रहता है, कुल मिलाकर उन्हें ₹224 प्रति टन के हिसाब से कंपनी के द्वारा भुगतान किया जाता है वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो उसी काम को बाहरी लेबर जिनका बी फार्म में नाम उल्लेखित नहीं है उन्हें 30 टन बॉक्साइट एकत्रित करने का हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा मात्र 1650 रुपए दिया जाता है जिसका मतलब हुआ ₹55 प्रति टन। जहां एक ओर नियमित लेबर को ₹224 भुगतान किया जाता है वहीं दूसरी ओर बाहर के मजदूरों को ₹55 प्रति टन के हिसाब से उसी काम को करने के लिए उन्हें भुगतान दिया जाता । कुल मिलाकर कंपनी को ₹174 प्रति टन बाहरी मजदूरों से फायदा हो रहा है जिससे अंदेशा लगाया जा सकता है की कंपनी बाहरी लेबरों को बहुत आयात मात्रा में बिना किसी हेलमेट जूते के कार्य में लगा कर करोड़ों रुपए का सालाना मुनाफाखोरी कर रही है और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में मजदूरों का शोषण हो रहा है , मजदूरों के हक पर आवाज बुलंद करने वाला कोई नहीं है वही इस संबंध में टाटीझरिया माइंस उत्खनन क्षेत्र बि.के.बी. मैनेजर संजय गुप्ता से जानकारी प्राप्त करना चाहा गया तो उनके द्वारा इस संबंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है यह कहना बताया गया , जानकारी हेतु बता दें कि हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अधीनस्थ उत्खनन कंपनी बीकेबी वर्ष 2014 से उत्खनन कार्य में संलग्न है शुरुआती दौर से ही इस के मैनेजर संजय गुप्ता है ,कुल मिलाकर कंपनी का उत्खनन कार्य कॉल लगभग 8 वर्ष पूर्ण हो रहा है, इन 8 वर्षों में प्रत्येक वर्ष का बी फार्म एवं बाहर के मजदूरों का डाटा इनके पास संलग्न है फिर भी इस तरह का जवाब देना यह अपने आप में संदेहास्पद है ,इन सब तथ्यों से अंदेशा लगाया जा सकता है की कंपनी सब जानते हुए भी अनजान बनी हुई है । इस संबंध में कलेक्टर बलरामपुर कुंदन कुमार के द्वारा यह बताया गया कि मैं माइनिंग विभाग वालों से बात करता हूं और रही बात सेफ्टी की तो मैं तत्काल इसके लिए एसडीएम को निर्देशित कर रहा हूं । वही इस संबंध में हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड खान प्रभाग सामरी के मुख्य खान प्रबंधक विजय कुमार चौहान से बात करना चाहा गया तो उनके द्वारा हमेशा की तरह फोन रिसीव नहीं किया गया वहीं दूसरी ओर मैनेजर हिंडालको अमित तिवारी से बात करना चाहा गया तो उनके द्वारा बार-बार फोन को कट कर दिया गया।