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Jashpur CRIME : गो हत्या महापाप.! गो हत्या के आरोपितों को मिला दो-दो साल की सश्रम कारावास व अर्थदंड की सजा…पढ़ें पूरी खबर


पत्थलगांव/जशपुरनगर :- छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव में गो हत्या के आरोप में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी उमेश कुमार भागवत्कर ने दो आरोपितों को दो साल सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार पत्थलगांव थानांतर्गत ग्राम ईला के निवासी सोनसाय लकड़ा(55) तथा बीरबल लकड़ा(45) के साथ ही लक्ष्मीनारायण पर गो हत्या तथा उसके मांस का परिवहन का आरोप लगाते हुए पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी।

शिकायत के मुताबिक, पुलिस 22 अगस्त 2019 को सूचना मिली कि उक्त आरोपित एक गाय का वध कर उसका मांस एक बाइक में रखकर परिवहन कर रहे हैं। सूचना पर पुलिस द्वारा दबिश दी गई जिसमें आरोपित सोनसाय लकड़ा मिला। पूछताछ में उसने पालने के नाम पर मिलन किसपोट्टा नाम के व्यक्ति से 1 हजार रूपये में क्रय कर उसे अपने पुत्र लक्ष्मीनारायण और रिश्ते के भाई बीरबल लकड़ा के साथ पास के ही मुरब्बा जंगल में ले जाकर टंगिया और तब्बल से उसका वध करने की बात पुलिस को बताई।

दरअसल, जांच- पड़ताल के दौरान पुलिस ने उसके कब्जे से एक प्लास्टिक बोरी में करीब 10 किलो गो मांस एवं बाइक जब्त किया। आरोपित सोनसाय लकड़ा की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त हथियार भी पुलिस द्वारा बरामद किए गए। आरोपित बीरबल लकड़ा ने भी पूछताछ में अन्य आरोपियों के साथ मिलकर गो वध करने की बात कही। उसकी निशानदेही पर पुलिस द्वारा 2 किग्रा गो मांस और लोहे की छुरी भी बरामद की गई। जिसके बाद पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया। अभियोजन अधिकारी सौरभ समैया जैन ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धारा 429 और 34 तथा कृषक पशु परिरक्षण अधि 2004 की धारा 4,5,10 के तहत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

फिलहाल, उन्होंने बताया कि मामले में तीन आरोपित हैं परंतु पुलिस केवल दो ही आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल हो सकी और एक आरोपित लक्ष्मीनारायण अब तक फरार है। न्यायालय में दो आरोपियों सोनसाय और बीरबल लकड़ा के खिलाफ ही विचारण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर दोनों आरोपियों का अपराध सिद्ध होना पाया गया। जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी उमेश कुमार भागवत्कर के द्वारा दोनों आरोपियों को धारा 42 व 34 तथा कृषक पशु परिरक्षण अधि की धारा 10 के तहत दोषी पाते हुए दो वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों आरोपितों को एक- एक हजार रूपये जुर्माने की अतिरिक्त सजा भी सुनाई गई है। अर्थदंड जमा ना करने पर आरोपितो को 1-1 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भी भुगतनी होगी।