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रायगढ़ समाचार:कटते हुए हरे-भरे जंगलों और बढ़ते हुए कारखानों-उद्योगों से… मानव और गजराजों के बीच छिड़ा है द्वंद युद्ध… पढ़ें पूरी खबर

धरमजयगढ़ । वर्तमान भारत ।

गजाधर पैकरा

धर्मजयगढ़,रायगढ़ (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत !छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाली धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में एक लंबे अरसे से जंगली हाथियों का आतंक जारी है !यहां से कहना गलत नहीं होगा कि यह क्षेत्र जंगली हाथियों का गढ़ बन चुका है !बीते कई सालों से रायगढ़ व धरमजयगढ़ क्षेत्र के जंगलों में जंगली हाथियों की उपस्थिति रही है !रायगढ़ जिले में जंगली हाथियों की बढ़ती संख्या से यहां की ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब किसानों को इसकी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है !

जंगली हाथियों का दल अपनी भोजन पानी की तलाश में जंगलों से निकलकर रिहायशी इलाकों में घुस कर गरीब किसानों की फसलों के अलावा घरों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं !कभी इंसानों से सामना होने पर यहां जनहानी की घटना भी हो जाती है !

जिले की अलग-अलग वनपरी क्षेत्रों में इन दिनों 75 जंगली हाथियों का दल घूम रहे हैं! वन विभाग के द्वारा ऐसे हाथी प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी करवाकर सावधानी बरतने की हिदायत दी जाती है! जानकारी के अनुसार वर्तमान स्थिति में धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में 75 जंगली हाथी घूम रहे हैं !

◾छाल वन परीक्षेत्र में 31 हाथियों का दल,

◾पुरुंगा बीट में 14 हाथियों का दल,

◾कापू परी क्षेत्र में 15 हाथियों का दल,

◾बांकारूमा में 10 हाथियों का दल,

◾धरमजयगढ़ परी क्षेत्र में 05 हाथियों का दल,

कुछ सालों की बात करें तो 100 से अधिक लोगों ने अपनी जान गवा चुके हैं !वहीं कई गांव ऐसे हैं जो दिन और रात जंगली हाथियों के डर से रात जगा कर के अपने घर और अपने फसलों की रखवाली करते हैं !ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब किसानों का कहना है कि वन विभाग के द्वारा लगातार जंगली हाथियों की देखरेख की जाती है !और गांव में हाथी आमद की सूचना के बाद तत्काल मौके पर पहुंचकर हाथी को वापस जंगलों की ओर खदेड़ते हुए लोगों को जंगल नहीं जाने की हिदायत दी जाती है..!