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पेट्रोल डीजल पर छग की भूपेश सरकार का मौन रूख : अभिषेक शर्मा

अंबिकापुर । वर्तमान भारत ।

केंद्र की भाजपा सरकार ने जन कल्याण को सर्वोपरि मानते हुऐ विगत 1 वर्ष में दो बार एक्साईज डयूटी घटाकर महंगाई को कम करने में सरकार की सार्थकता को सिद्ध किया। परंतु केंद्र सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के बावजूद छग की कांग्रेस का मौन रूख सरकार की विफलता को प्रदर्शित कर रहा है। अभिषेक शर्मा अधिवक्ता टैक्स एवं जिला सह कोषाध्यक्ष भाजपा सरगुजा एवं प्रदेश सह संयोजक आर्थिक प्रकोष्ठ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि एक सरकारी आंकड़ों के हिसाब से छग की भूपेश सरकार को 2019 – 20 में 3882.87 करोड़ रुपये एवं 20 – 21 में 4179.80 करोड़ रुपये पेट्रोलियम उत्पादों से बतौर राजस्व प्राप्त हुआ है। जो कि वैट के साथ सेस की राशि का भी समायोजन है जिसमें पेट्रोल पर 2 रू प्रति लीटर एवं डीजल पर 1 रू प्रति लीटर सेस के रूप में है। पिछले साल केंद्र सरकार के फैसले के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल पर 1 प्रतिशत एवं डीजल पर 2 प्रतिशत टैक्स की कमी की थी जिसके कारण पेट्रोल एवं डीजल में 90 पैसा और 1.45 रू का ही महज कमती का लाभ जनता को मिला था। ऐसा लगता है कि छग सरकार का जनता की महंगाई से कोई सरोकार नहीं है बल्कि राजस्व संग्रहण ही एकमात्र उद्देश्य है। इसके विपरीत केंद्र की मोदी सरकार के डयूटी घटाने के फैसले के बाद राजस्व के 1 लाख करोड़ के घाटे को जनता के लाभ के सामने दरकिनार कर महंगाई घटाने पर महत्वपूर्ण योगदान दिया गया। जिसके कारण पेट्रोल की कीमत 9.50 प्रति लीटर एवं डीजल पर 7 रू प्रति लीटर कम हो गई। अब यह देखना है कि छग सरकार , केंद्र सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद जनता के हित में कब फैसला लेगी और अपना मौन व्रत तोडेगी।।