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वेतन नहीं मिलने के कारण नगर निगम के 360 प्लेसमेंट सफाई कर्मी गए हड़ताल पर …..शहर मे जगह जगह लगा कचरे का अंबार …….शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त

रायगढ़ । वर्तमान भारत ।

रितेश सिदार

रायगढ़। शहर में एक बार फिर से सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। सोमवार सुबह से नगर निगम के 360 प्लेसमेंट सफाई कामगार हड़ताल पर चले गए हैं और काम करना बंद कर दिया है। सफाई कर्मियों का कहना है कि एक तो उन्हें महीने का वेतन समय पर नहीं मिल रहा है और उस पर अधिकारी जबरिया नियम बनाकर हर महीने पेनाल्टी भी काट रहे हैं।

पहले से ही शहर की सफाई व्यवस्था का जनाजा निकला हुआ है, उस पर एक बार फिर से प्लेसमेंट सफाई कर्मियों के आंदोलन का रूख अख्तियार करने से शहर सरकार की मुश्किलें बढ़ गयी हैं क्योंकि तमाम समझाईश के बावजूद कामगार काम पर लौटने को तैयार नहीं हो रहे हैं। इससे सोमवार से शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है और आगे भी इनके हड़ताल पर रहने से स्थिति बिगडऩे की संभावना व्यक्त की जा रही है। नगर निगम में ठेकेदार के अधीन ३६० महिला-पुरूष प्लेसमेंट सफाई कर्मचारी काम करते हैं। बताया जा रहा है पिछले माह से इन्हें वेतन भुगतान को लेकर परेशानी होने लगी है।

पिछले महीने का वेतन उन्हें आज दिनांक तक नहीं मिल सका है जबकि आज से नवरात्रि पर्व शुरू हो चुका है और आने वाले दिनों में दशहरा का पर्व आने वाला है। ऐसे में अपने वेतन भुगतान की मांग को लेकर वे लगातार महापौर से लेकर अधिकारियों के गुहार लगा रहे हैं। इसके बावजूद वेतन का भुगतान नहीं हो सका है। यही वजह है कि वेतन को लेकर कोई सुनवाई नहीं होने की स्थिति में आखिरकार आज प्लेसमेंट सफाई कामगारों के सब्र का बांध टूट गया और एकजुट होते हुए सभी ने सोमवार सुबह से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया। इस स्थिति में आज अधिकांश वार्डों में साफ-सफाई का काम भी ठप्प पड़ गया।

पेनाल्टी को लेकर सबसे ज्यादा आक्रोश

बताया जाता है कि एमआईसी ने शहर में बेहतर सफाई व्यवस्था के उद्देश्य से ही १० प्रतिशत अतिरिक्त लेबर रखने का निर्णय लिया था ताकि इक्के-दुक्के कामगारों के अनुपस्थित होने की स्थिति मेंं व्यवस्था पर असर न पड़े क्योंकि महीने भर पूरे के पूरे कामगारों का काम पर आना संभव भी नहीं होता लेकिन इसके साथ यह भी नियम बनाया गया था कि यदि इसके बाद भी लेबर कम आते हैं तो ठेकेदार से १ से लेकर ५ हजार रुपये पेनाल्टी वसूला जायेगा। कुछ महीने बाद अतिरिक्त लेबर की व्यवस्था तो हटा दी गई मगर पेनाल्टी वसूली का नियम अब तक लागू कर रखा गया है और हर महीने हजारों रुपये की पेनाल्टी काटी जाती है। इसको लेकर सफाई कर्मचारियों में सबसे ज्यादा आक्रोश है और वे इस नियम को खत्म करने की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं।

महापौर समझाईश का कोई असर नहीं हुआ

सोमवार को अचानक से सफाई कामगारों के हड़ताल पर चले जाने से शहर सरकार की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गयी है। यही वजह है कि खबर मिलते ही महापौर श्रीमती जानकी अमृत काटजू के अलावा एमआईसी में स्वच्छता प्रभारी संजय देवांगन ने हड़ताली कर्मचारियों को समझाने की कोशिश की साथ ही नगर निगम आयुक्त से मुलाकात कर डेंगू के खतरे को देखते हुए समस्या का समाधान निकालने के लिए कहा मगर कमिश्नर वेतन भुगतान को लेकर तो तैयार हैं मगर पेनाल्टी नियम को हटाने के लिए बिल्कुल भी राजी नहीं हो रहे हैं। इस स्थिति में प्लेसमेंट सफाई कर्मचारी काम बंद हड़ताल जारी रखने पर अड़े हुए हैं।

क्या कहते हैं संजय देवांगन स्वच्छता प्रभारी

ठेकेदार व आयुक्त से मिलकर व बातचीत कर समस्या का हल निकाला जायेगा। शहर की सफाई व्यवस्था उनकी पहली प्राथमिकता है, इस पर लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। जो भी समस्या है, उसे जल्द से जल्द सुलझा लिया जायेगा।