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जनप्रतिनिधियों, प्रशासन की अनदेखी का दंश झेल रहे है रहागीर ,मरम्मत नहीं होने से सड़कों की हालत जर्जर

रायगढ़ । वर्तमान भारत ।

आशीष यादव की रिपोर्ट

रायगढ़ शहर के बायपास मार्ग जो रामपुर से होकर गोवर्धनपुर से होकर गुजरता है बायपास मार्ग होने के कारण यहाँ से रोज हजारों भारी वाहन गुजरते है यह तिराहा जो शालिनी स्कूल से होंकर कृषि विश्वविद्यालय की ओर जाता है व एक मार्ग गोवर्धनपुर की ओर जाता है लेकिन इस मार्ग के मध्य में सड़क पर तालाब नुमा गड्ढे बन चुके हैं यह तालाब नुमा गड्ढे कभी भी किसी बड़े हादसे को आमंत्रण दे रहे हैं फिर भी जिला प्रशासन कुंभकरण निद्रा में विलीन है या फिर किसी बड़े दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं. यह मार्ग में स्कूल स्थित होने के कारण बच्चे व उसके अभिभावको को डर सताता रहता है. मजबूरी बस बच्चे सुबह उसके अभिभावक जान हथेली मैं रख कर इस मार्ग से आना-जाना करते हैं. यह उस क्षेत्र का सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है.

शासन द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत गांव से लेकर शहर तक सड़कों का जाल बिछा दिया गया है, लेकिन इन सड़कों के रखरखाव की ओर संबंधित कार्य एजेंसी द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है। जहां वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। यही नहीं ऐसी भी सड़कें हैं जो एक वर्ष में ही धराशाई हो गई है। जहां जगह-जगह पर सड़कों में गड्ढे बन गए हैं। सड़क कार्य में जो डामर का उपयोग किया गया था। वह डामर पूरी तरह से बहकर आज बजरी के रूप में सड़कों में बिखरा हुआ है। जिसके कारण से आए दिन दो पहिया चार पहिया वाहन पंचर हो रहे हैं।

यही नहीं आम नागरिकों को भी इन सड़कों में चलने में बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत शहर के बायपास की सड़क मार्गों में यदि जनप्रतिनिधि अधिकारी निकल जाएं तो उन्हें वास्तविक स्थिति का जायजा ले सकते हैं। आम जनता ऐसी सड़क निर्माण जहां शासन की राशि पानी की तरह बहा दिया गया लेकिन उसकी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया है। आज गुणवत्ता विहीन कई ऐसी सड़कें हैं जो प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत सड़कों का निर्माण कराया गया है। इन सड़कों की बदतर स्थिति को देखकर आम जनता ने शासन प्रशासन के प्रति असंतोष पनपने लगा है। सरकारें आती-जाती हैं लेकिन विकास के जो कार्य हैं। वह गुणवत्ता से यदि कराया जाए तो वर्षों तक लोग उन विकास कार्यों का नाम गिनाने से भी नहीं चूकते हैं लेकिन वहीं यदि विकास कार्य गुणवत्ता विहीन हो तो संबंधित जो भी सरकारें हैं उसकी आलोचनाएं गाँव से लेकर शहर में भी होने लगती है।

विभागीय निरीक्षण का अभाव

सड़कों के निर्माण के बाद सड़क का रखरखाव की भी जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदारों व संबंधित कार्य एजेंसी विभाग की होती है लेकिन सड़क निर्माण के बाद उन सड़क निर्माण कार्यों को मुड़कर झांकने की फुर्सत नहीं है कि जो सड़क निर्माण का कार्य कराया गया है। उसकी क्या स्थिति बरसात के बाद हुई भरी बरसात में जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। वहीं कई जगह सड़कों के निर्माण में जो गुणवत्ता विहीन सामग्री का उपयोग किया गया है। वह बह गया है। शहर के बायपास के सड़क मार्गों में जानलेवा गड्ढे बन गए हैं। यह सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाए गए निर्माण कार्य की सारी पोल खोल रहा है। शासन-प्रशासन को ऐसा प्रयास करना चाहिए ताकि गुणवत्ता के साथ कोई भी निर्माण कार्य संपन्ना हो एवं आम जनता में उसकी एक अलग पहचान बनी रहे यह प्रयास किया जाना जनहित में ही होगा।