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Ambikapur News : सपना हुआ सच.! सरगुजावासियों के हवाई सेवा का सपना हुआ साकार…मिला लाइसेंस…पढ़ें पूरी खबर



अंबिकापुर :- छत्तीसगढ़ के सरगुजावासियों की बहुप्रतीक्षित मांग शुक्रवार को पूरी हो गई। सरगुजा से हवाई सफर का रास्ता आखिरकार लंबी प्रतीक्षा के बाद साफ हो गया है। भारत सरकार के डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन कार्यालय द्वारा मां महामाया एयरपोर्ट दरिमा (अंबिकापुर) को उड़ान हेतु लाइसेंस जारी कर दिया गया है।

बता दें कि, अंबिकापुर से लगभग 12 किलोमीटर दूर ग्राम दरिमा में एयरपोर्ट विकसित किया गया है। यहां उपलब्ध सुविधाओं और संसाधनों का निरीक्षण करने डीजीसीए की टीम आती रही है। डीजीसीए द्वारा एयरपोर्ट अधोसंरचना और आवश्यक मानदंडों का निरीक्षण किया जा रहा था। इसी कड़ी में गुरुवार को बीसीएएस (ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी) की टीम द्वारा अंतिम निरीक्षण किया गया था।

हालांकि, यात्रियों और उड़ान संचालन की सुरक्षा के लिए विकसित बुनियादी ढांचे की स्थिति और सुविधाओं के लिए बीसीएएस द्वारा निरीक्षण किया गया था। जिसमें सुरक्षित उड़ान संचालन के लिए हवाई अड्डे की उपयुक्तता की पुष्टि की गई जहां टीम ने सभी पहलुओं पर संतोष जताया। अंतिम मंजूरी जारी करने के लिए रिपोर्ट बीसीएएस मुख्यालय दिल्ली को भेजी गई जिसके परिणाम स्वरूप अगले ही दिन शुक्रवार को डीजीसीए से एयरोड्रम लाइसेंस जारी कर दिया गया है। लाइसेंस मिल जाने से दरिमा से नियमित उड़ान की राह अब आसान हो गई है। एयरलाइन कंपनियों की रुचि के आधार पर दरिमा एयरपोर्ट से नियमित उड़ान आरंभ होगी।

364 एकड़ में फैला है एयरपोर्ट

दरअसल, पिछले कई वर्षों से दरिमा एयरपोर्ट को डीजीसीए के मानकों के अनुरूप विकसित करने का काम किया जा रहा था। डीजीसीए द्वारा सितंबर 2023 में निरीक्षण कर यहां उपलब्ध सुविधाओं ,संसाधनों को पर्याप्त बताया गया था लेकिन सुरक्षा मापदंडों का निरीक्षण नहीं हो पाने के कारण लाइसेंस की प्रक्रिया अटकी हुई थी। अंबिकापुर के दरिमा एयरपोर्ट से 72 सीटर विमान उड़ सकेंगे। दरिमा स्थित मां महामाया एयरपोर्ट में लगभग 48 करोड़ की लागत से 364 एकड़ में नए सिरे से 1920 मीटर लंबे एयरस्ट्रिप का निर्माण किया गया है। इसमें 1800 मीटर का मुख्य रनवे शामिल है। रनवे की लंबाई और इसकी क्षमता को बढ़ाने के साथ ही टर्मिनल भवन की क्षमता भी बढ़ाकर 72 यात्रियों के लिए की गई है।

कम लागत का बेहतर सुविधा एयरपोर्ट

ज्ञात हो कि, छत्तीसगढ़ में छोटे एयरपोर्ट की श्रेणी में अंबिकापुर का एयरपोर्ट सर्वाधिक सुविधा और संसाधनों वाला है। बिलासपुर ,जगदलपुर की तुलना में यहां सुविधाएं बेहतर है। डीजीसीए मानकों के अनुरूप इसे विकसित करने वाले लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सामान्य तौर पर एयरपोर्ट को विकसित करने 200 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होती है लेकिन दरिमा एयरपोर्ट का विकास लगभग 50 करोड रुपये की लागत से ही पूरा कर लिया गया है।एयरपोर्ट में टर्मिनल बिल्डिंग,अप्रोन, आइसोलेशन,पेरिमीटर रोड, ऑपरेशनल बाउंड्री, अराइवरल और डिपार्चर सेक्शन, एंटी हाइजेक रूम, मौसम विभाग के कार्यालय, फायर स्टोर, ट्रेनिंग सेंटर, इलेक्ट्रिक पैनल रूम सहित अन्य निर्माण कार्य किए गए है।

बीसीएएस के कारण अटका था लाइसेंस

दरअसल, अंबिकापुर के मां महामाया एयरपोर्ट के लाइसेंस के लिए डीजीसीए की टीम ने सितंबर 2023 में एयरपोर्ट का फाइनल निरीक्षण किया था। निरीक्षण में बताई गई कमियों को दूर कर लिया गया था। इससे डीजीसीए की टीम संतुष्ट थी। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्युरिटी की अनुमति नहीं मिल पाने से लाइसेंस अटका था। सुरक्षा मानकों का क्लीयरेंस जारी हो जाने के बाद शुक्रवार को लाइसेंस जारी हो गया है।

परिचालन का जिम्मा फ्लाई बिग एयरलाइन कंपनी को

फिलहाल, केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) के तहत हवाई सेवा शुरू करने अंबिकापुर-बिलासपुर-अंबिकापुर और अंबिकापुर-रायपुर-अंबिकापुर मार्ग को फ्लाई बिग एयरलाइन को अवार्ड कर दिया गया है। अंबिकापुर हवाई अड्डे का स्वामित्व छत्तीसगढ़ सरकार के पास है। इसके अतिरिक्त ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित रायरंगपुर एयरपोर्ट से भी अंबिकापुर के दरिमा एयरपोर्ट तक उड़ान के लिए अधिकृत किया गया है। राउरकेला रूट के विमान को अंबिकापुर डायवर्ट करने की योजना है। भविष्य में अंबिकापुर-बनारस की सेवाएं शुरू हो सकती हैं।