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चावल के लिए तरस रहे छत्तीसगढ़ के गरीब…पिछले दो महीना से हितग्राहियों को मिला नहीं…विक्रेता ने चावल कम होने का दिया हवाला…पढ़ें पूरी खबर


Chhattisgarh News : मनेंद्रगढ़ के भरतपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत जोल्गी में हितग्राहियों को सरकारी राशन नहीं मिल रहा है. गांव के 380 राशन कार्डधारी परिवारों में से 90 हितग्राही पिछले दो महीनों से चावल के लिए तरस रहे हैं.

बता दें, गांव की जनता को मजबूरन महंगे दामों पर बाजार से राशन खरीदना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने उचित मूल्य की दुकान पर जाकर अपना विरोध जताया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.

चावल नहीं मिलने से गुस्से में लोग

हालांकि ग्रामवासियों के अनुसार, जुलाई से उन्हें सरकारी चावल नहीं मिला है. गांव के राम सिंह ने बताया कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद राशन समय पर नहीं मिल रहा है. उन्होंने यह भी मांग की कि राशन दुकान को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए.

ग्रामीण आनंद प्रसाद यादव ने आरोप लगाया कि कभी चना नहीं आता, कभी शक्कर की कमी बताई जाती है और अब तो जुलाई का चावल भी नहीं दिया गया है.

राशन दुकान संचालक ने दी धमकी

वहीं, महिला राशन कार्डधारक गीता ने कहा कि जब वो राशन लेने पहुंची, तो उन्हें धमकियां दी गई और साफ तौर पर कहा गया कि जो करना है करो, चावल नहीं मिलेगा. महिलाओं का कहना है कि वो इस समस्या से बेहद परेशान हैं, लेकिन कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं हैं.

सेल्समैन ने चावल कम होने का दिया हवाला

दरअसल, राशन वितरण करने वाले कृपाल राम, सेल्समैन ने बताया कि जुलाई में राशन का आवंटन कम था, जिसके कारण सभी को चावल नहीं मिल सका. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि राशन कार्ड में एंट्री कर दी गई थी, लेकिन पर्याप्त राशन उपलब्ध नहीं होने की वजह से वितरण नहीं हो सका.

राशन दुकान संचालक पर होगी सख्त कार्रवाई

फिलहाल, एसडीएम प्रवीण भगत ने इस मामले को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं. उनका कहना है कि खाद विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, जुलाई में कुछ हितग्राहियों को राशन नहीं मिला और उनके राशन कार्ड में एंट्री कर ली गई. मामले की पूरी जांच कराई जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. रोटी, कपड़ा, मकान की बुनियादी जरूरतों में रोटी सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन जब गरीब जनता को अन्न भी न मिले, तो उनका जीवन और कठिन हो जाता है. सरकारी योजनाओं का सही लाभ न मिल पाना एक बड़ी समस्या है, जिसे हल करने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए.


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