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सरगुजा राज परिवार पर सरकारी जमीन हड़पने का आरोप ….. जवाब में टी. एस.बाबा ने कहा – ” राहुल गांधी और प्रदेश के लोगों के सामने नीचा दिखाने का षडयंत्र “

अंबिकापुर । वर्तमान भारत ।

राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे का कार्यक्रम तय होते ही छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर से गरमाने लगी है और आरोप – प्रत्यारोप लगने शुरू हो गए हैं ।इस बार बीजेपी पार्षद आलोक दुबे ने राजपरिवार पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर बेच देने का आरोप लगाया है तो वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसे घृणित हरकत करार दिया है। उन्होंने कहा, यह राहुल गांधी और प्रदेश के लोगों के सामने टीएस बाबा को नीचा दिखाने का षड्यंत्र है। विदित हो कि अंबिकापुर के भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने सिंहदेव पर आरोप लगाए हैं कि रिसायत विलय के बाद करोड़ों की जमीन और तालाब को अपने नाम करा लिया गया। इसके बाद उसे बेचा जा रहा है। इस पर रायपुर हवाई अड्‌डे पर पत्रकारों से चर्चा में सिंहदेव ने कहा,यह उसी की कड़ी है जिसके तहत किसी से कहवाया गया था कि उनको मेरे से जान का खतरा है।वही लोग हैं जो राहुल जी के आने से पहले यह कोशिश कर रहे हैं कि कैसे राहुल जी के सामने-प्रदेश की जनता के सामने मेरी छवि पर विपरीत प्रभाव पड़े। सिंहदेव ने कहा, राहुल जी आ रहे हैं। टीएस बाबा को नीचा दिखाना है। कोई न कोई षड्यंत्र करना है। “मैंने जान से मारने की कोशिश की’ वह वाली बात नहीं चली। अब यह नई चीज छोड़ो।छत्तीसगढ़ के लोगों के सामने इनकी छवि पर विपरीत प्रभाव पड़े यह कोशिश कर लो। राहुल जी के यहां बात पहुंचे शायद कुछ हो जाए। यही हो रहा है। टीएस सिंहदेव ने कहा, मेरे पास कोई शासकीय संपत्ति नहीं है, जिस पर मैंने कब्जा किया हो। बाप दादाओं से भी यही सीख मिली कि जितना है उसमें रहना सीखो।

संपत्तियों के उपयोग से कुछ लोगों को तकलीफ

टीएस सिंहदेव ने कहा, वे राजपरिवार के थे तो ऐसा भी नहीं था कि कमी है। भारत सरकार के साथ जो समझौते हुए थे उसके अनुरूप उतनी संपत्ति थी। अब प्रयास कर रहे हैं कि केवल संपत्ति बेच-बेचकर ही काम न चलाएं। कुछ बिजनेस में भी भाग ले सकें। कुछ लोगों को तकलीफ होती है कि अपनी संपत्तियों का उपयोग कर कहीं ये आर्थिक रूप से स्थिर हो गए तो एक और कमजोरी चली जाएगी।

ग्रीन ट्रिब्यूनल ने खारिज किया है शिकायती दावा

टीएस सिंहदेव ने कहा, राजाओं के जब राज गए तो कई प्रकार की संधियां हुईं। संपत्तियों को लेकर 1960 के दशक तक पत्राचार चलता रहा है। एक तालाब की बात उठी है। पत्र लिखने वाले कांग्रेस से अभी भाजपा में गए हैं। वे खुद 22साल से ज्यादा समय से मामला उठाते रहे हैं। कोर्ट तक मामला गया है। ग्रीन ट्रिब्यूनल की बेंच ने स्पष्ट फैसला आया है। खुद पक्षकार होने की वजह से उनको जानकारी है। ग्रीन ट्रिब्यूनल ने साफ तौर पर कहा है, कलेक्टर ने जो फैसला किया है वह सही है। इन्होंने रिव्यू पिटीशन लगाया उसमें भी वह भी खारिज हुआ।इन आरोपों से उठा है नया बवालअम्बिकापुर के भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर सरगुजा राज परिवार पर आरोप लगाए हैं। आरोप है, राजपरिवार ने रियासत के विलय के दौरान अम्बिकापुर शहर के विभिन्न स्थानों की शासकीय भूमि के दस्तावेजों में फेरबदल कर अपने नाम करा लिया है। इसमें एक बड़ा तालाब भी शामिल है। इसको व्यावसायिक तौर पर बेचकर राजपरिवार फायदा उठा रहा है। सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि वॉटर बाडी की नवइयत नहीं बदली जा सकती। शिकायत उन्हें भी मिली है, इसकी जांच कराई जाएगी।