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परसा खदान खोलने को लेकर गांव के दो पक्ष – एक समर्थन में एक विरोध में ! दोनों हुए आमने – सामने और कर डाला ऐसा कांड ….

अंबिकापुर । वर्तमान भारत ।

इरफान सिद्दीकी

पुलिस व जिला प्रशासन मौके पर मौजूद पुलिस ने कराया मामला शांत पुलिस आगजनी में शामिल लोगों की जांच में जुटी

अभी कुछ दिनों पूर्व ही हजारों की संख्या में ग्रामीण सरगुजा कलेक्टर के पास पहुंचे थे और सरगुजा कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर जल्द परसा खदान को खोलने की मांग की थी और बाहरी लोगों को उनके गांव में आकर विरोध करने से रोकने की मांग की थी और आज यह घटना देखने को मिल रही है कि कुछ बाहरी लोगों ने यहां आगजनी की घटना को अंजाम दे दिया है फिलहाल मामले को पुलिस ने शांत करा दिया है और पुलिस के आला अधिकारी उन आरोपियों की तलाश में जुटे हैं जिन्होंने आगजनी की घटना को अंजाम दी है

राजस्थान सरकार की परसा खदान को राज्य सरकार की अनुमति मिलने से बेचैन पेशेवर एनजीओ कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने क्षेत्र मे शुक्रवार को आगजनी की। विरोध करने पहुंचे लोगों ने तलवार, तीरकमान इत्यादि धारदार हथियारों से डराकर और पुलिस को अपना काम करने से रोका और उसका फायदा उठाकर कोंट्राक्टरो के जनरेटर, ट्रक के वजन कांटे जैसे महंगे मशीन वगैरह को आग लगाकर लाखो का नुकसान भी किया है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि बाहर से आय कुछ मुठ्ठी भर स्थानीय ऐसे भी है जिनकी जमीन भी इस परियोजना में नहीं आ रही है और वह भी यहां विरोध करने पहुंच रहे हैं

एक तरफ जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य में निवेशको को रोजगार बढ़ाने के लिए आकर्षित करने की महेनत कर रहे है तब यह राज्य सरकार और सरगुजा के स्थानीय तंत्र के लिए एक शर्मिंदा करने वाली घटना हुई है। जिले के उच्च पुलिस और शासकीय अधिकारियों ने इस ही उग्रवादी घटना में किन पेशेवरों का हाथ है उसकी जांच शुरू कर दी है। स्थानीय पीड़ित दूर से कुछ वीडियो बना पाए है और उन्होंने वह पुलिस को दे दिए है ताकि असामाजिक तत्वों को पहचाना जाए।

पिछले महीने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजधानी रायपुर अपने युवा साथी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल से मिलकर अपने राज्य में चल रही कोयले और बिजली की किल्लत का हल ढूंढने मुलकत की थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनको मिडिया के सामने भरोसा दिलाया था की वह राजस्थान को नियम से होने वाली हर मदद करेंगे। उसके बाद परसा के स्थानीय लोग को आशा जगी थी की क्षेत्र में राजस्थान की खदान खुलने से उन्हें रोजगार मिलना शुरू हो जाएगा। उन्होंने 2019 में राजस्थान के विद्युत् निगम को ख़ुशी ख़ुशी अपनी जमीन दे दी थी और परसा खदान का खुलकर समर्थन कर रहे थे।