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जिला शिक्षा अधिकारी और ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही लोगों पर पड़ रही है भारी …. सैंट टेरेसा कान्वेंट,संस्कार किड्स,जे.बी. जी किड्स,मुक्ति प्रकाश स्कूल, शालिनी कान्वेंट स्कूल में नहीं हैँ पार्किंग की व्यवस्था ……. मुख्य मार्ग में पार्किंग के कारण पैदा होती हैँ जाम की स्थिति….. प्राइवेट स्कूल की मनमानी का भुगतान भुगत रहे है राहगीर

रायगढ़ । वर्तमान भारत ।

रितेश सिदार की रिपोर्ट

रायगढ़ । शहर के वार्ड न. 48 बोइरदादर गोवर्धनपुर मुख्य मार्ग पर सेंट टेरेसा कान्वेंट स्कूल स्थित हैँ विद्यालय के पास पार्किंग व्यवस्था नहीं होने के चलते दुर्घटनाओ का अंदेशा बना हुआ हैँ निजी स्कूल संचालको की मनमानी की वजह से उस मार्ग पर आने जाने वाले राहगिरो को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता हैँ.

सेंट टेरेसा कान्वेंट स्कूल के पास पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण मुख्य मार्ग पर ही वाहनों को खड़ा करना पड़ता हैँ जो यातायात अव्यवस्थाओं को बढ़ाता है वार्ड न.48 में ऐसे कई निजी विद्यालय हैँ जिनके पास विद्यालय के पास पार्किंग व्यवस्था नहीं होने कारण रोज वहा से आने जाने वाले रहागिरो को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैँ जैसे संस्कार किड्स, जे . बी. जी किड्स, ज्ञान दीप पब्लिक स्कूल,सेंट टेरेसा कान्वेंट, मुक्ति प्रकाश स्कूल, शालिनी कान्वेंट स्कूल ये सब विद्यालय मुख्य मार्ग पर स्थित हैँ इस विद्यालयों में शहर के ही नहीं बल्कि आस पास के कई ग्रामीण छेत्रों के विद्यार्थी अध्ययनरत है विद्यालय प्रबंधन साशन के नियमो को ताक पर रहे हुई हैँ और विद्यालय में अध्यरत छात्रों व परिजनों के सुविधाओ के लिए पर्याप्त मात्रा में पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई हैँ जबकि फीस के नाम पर विद्यार्थियों के पालकों से हजारों रुपयों की मोटी रकम वसूली जाती हैँ ऐसे में विद्यालय के बाहर निकलने के बाद सुरक्षा पर भी प्रश्न चिंनः लगे हुए हैँ. शहर के मध्य भी कुछ विद्यालयों की यही स्थिती हैँ यहाँ पार्किंग के अभाव में बच्चों, परिजनों व आने जाने वाले रहागिरो को भारी समस्याओ का सामना करना पड़ता हैँ यह स्थिती सुबह 7.30 बजे जब बच्चों का स्कूल लगता हैँ और 1.30 बजे जब स्कूल की छुट्टी होती हैँ तब


रोज जाम की स्थिती निर्मित होती हैँ बच्चों को स्कूल लाने लेजाने के लिए स्कूल बस संचालित हैँ व कई बच्चों लिए प्राइवेट वेन संचालित हैँ जो प्रतिदिन बच्चों को स्कूल लाने ले जाने के लिए विद्यालय पहुंचते हैँ विद्यालय परिसर में वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण वाहन संचालको के दवारा मुख्य मार्ग पर ही वाहन खड़ी कर के बच्चों को चढ़ाया व उतारा जाता हैँ वही नहीं प्रतिदिन अपने निजी वाहनों से परिजन बच्चों को छोड़ने आते हैँ उन्हें भी मुख्य मार्ग पर ही वाहन खड़ी कर बच्चों को लाने व ले जाना पड़ता हैँ इनमे से कई विद्यालयों के पास पार्किंग की व्यवस्था होने के वावजूद पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई हैँ जिसके कारण हमेशा दुर्घटनाओ का अंदेशा बना रहता हैँ दो पहिया, चार पहिया वाहन इस मार्ग में तेज रफ़्तार में गुजरते हैँ मुख्य मार्ग होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से स्कूली बच्चों का खड़ा रहना सही नहीं हैँ किसी भी दिन वाहन के अनियंत्रित होने से बड़ी दुर्घटना हो सकती हैँ. जिस पर ना तो विद्यालय प्रबंधन का ध्यान हैँ ना तो प्रशासन का ध्यान हैँ.

जिले में शिक्षा के बढ़ते व्यवसायीकरण के चलते निजी स्कूल संचालन खिलवाड़ बन गया हैँ गली गली में कई प्ले स्कूल, नर्सरी स्कूल खुल चुके हैँ नर्सरी स्कूल के लिए मान्यता की आवश्यकता नहीं होने के कारण स्कूल संचालक इसी कक्षा से अपने स्कूल की शुरुआत करते हैं और देखते ही देखते अपने स्कूल की पहली से पांचवीं तक का पंजीयन करा लेते हैँ पंजीयन करते समय शिक्षा विभाग के दवारा स्कूल की स्थिती का जायजा नहीं लिया जाता. अभिभावक स्कूल की निकट्टा को देखकर विस्वास पूर्वक स्कूल में दाखिला करा देते हैँ किन्तु ऐसे स्कूलों का उदेश्य पढ़ाई नहीं बल्कि मोटी रकम वसूलना हैँ जहाँ राजनैतिक पहुंच का आश्रय लेकर नियम विरुद्ध स्कूलो का संचालन किया जा रहता हैँ.

कुछ दिन पहले स्कूल की अव्यवस्थाओ को लेकर पुलिस अधीक्षक के जनदर्शन में ये बात रखी गई थी और स्कूल की अव्यवस्थाओ से अवगत कराया गया था लेकिन चार दिन यातायात विभाग की ओर एक यातायात पुलिस की ड्यूटी लगाई गई थी लेकिन पांचवे दिन से आज तक अव्यवस्था जस की तस बनी हुई हैँ