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घरघोड़ा में अवैध प्लाटिंग का खेल बदस्तूर जारी..शासन को लग रहा है करोड़ों का चूना… अधिकारी नोटिस देकर कर रहे है अपने कर्तव्यों का इति श्री…

घरघोड़ा( रायगढ़ ) । वर्तमान भारत ।

आशीष यादव को रिपोर्ट

घरघोड़ा । औद्योगिकीकरण के साथ भूमि की की कीमतें भी आसमान छूने लगी है। भूमाफिया प्रशासनिक उदासीनता की वजह से सक्रिय हो है। आलम यह है कि शासन प्रशासन को करोड़ो रूपये राजस्व के रूप में चुना लगाने लगे है। दरअसल घरघोड़ा नगर पंचायत के दो सबसे चर्चित नगर पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के वार्ड में करीब 8 एकड़ भूमि को दो कालोनाइजर्स शासन द्वारा निर्धारित नियमो के तहत रेरा में पंजीयन करवाए टुकड़ो में मनमानी कीमत मे प्लाट नही काट कर बिक्री करने का मसला समाने आया है। ऐसे में वार्ड पार्षद एवं जिम्मेदार अधिकारी की निष्क्रियता से कई ज्वंलत सवाल उतपन्न होने लगा है।
ग़ौरतलब है कि घरघोड़ा नगर पंचायत हो या जनपद दोनो ही क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं से लेकर अन्य कार्यो के क्रियान्वयन में गाहे बगाहे गड़बड़ी सामने आती रहती है यहां पूर्व में भी जमीन कब्जा का चर्चित कांड सामने आ चुका है। जिसमें तत्कालीन पटवारी की भूमिका के कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान लगा था जिसके बाद उसे स्थानन्तरित कर दिया गया। वही अब नगर पंचायत में दो जमीन सौदागर हलधर चौधरी और संदीप दुबे ने अपने रसूख के चलते नियमों को ताक में रखते हुए शासन को करोड़ों का राजस्व हानि पहुचा रहे है। जबकि उक्त जमीन जिस वार्ड में वह सबसे हाई प्रोफाइल वार्ड है क्योंकि एक मे नगर पंचायत अध्यक्ष तो दूसरे में उपाध्यक्ष निर्वाचित पार्षद बनकर इस पद पर आए है।
फिलहाल इन सभी के बीच स्थानीय प्रशासन व कालोनाइजर्स का आपसी गठबंधन कितना मजबूत है इसे दर्शाता है। वही फौरी तौर पर जिम्मेदारी निभाते हुए नगर पंचायत ने साल भर पहले नोटिस भेजा था जिस पर विडंबना कहा जाए या फिर मौन स्वीकृति, जिसके सह पर ही अब यहां बैगेर नियमों का पालन किये जमीन पर मकान भी गैर कानूनी तरीके से खड़े होने लगा है। यहां यह भी बताना लाजमी होगा कि इससे पहले भी शासन के 152 प्रतिशत के अंतर्गत जमीन लेने का खेल व्यापाक पैमाने में खेला जा चुका है,जिसमें जांच दल भी गठित किया गया लेकिन आज तक सच्चाई व कार्रवाई सामने नही आ पाया । अब देखना यह होगा प्रशासन किस स्तर में भूमाफियाओं पर लगाम लगा पाती है।

टुकड़ो में मनमानी कीमत में बिक्री होते गई जमीन:–नगर पंचायत घरघोड़ा के वार्ड 6 व 8 इन वार्डो में कॉलोनाइजर्स द्वारा स्थानीय प्रशासन से मिली भगत कर टुकड़ो में जमीन की बिक्री स्थानीय ब्यक्तिओ को कर दी गयी सवाल उठता है कि बिना रेरा पंजीयन के किस नियमो के तहत बिक्री पर्ची जारी हुई रजिस्ट्री भी कर दी गई व नामान्तरण भी हो गये ।सूत्र बताते है कालोनाइजर्स द्वारा उक्त जमीनों को कुछ लाख रुपये में क्रय किया गया था उसके बाद प्लाट काट कर एक एक टुकड़े को लाखों रुपये में विक्रय कर दिया गया । इस तरह से देखा जाए तो सम्बंधित विभाग की भूमिका भी संदेहास्पद है।

शासन को लग रही करोड़ों की चपत:-शासन के नियमो के अनुसार इन्हें ई डब्ल्यूएस के तहत 15 प्रतिशत भूमि निकाय के नाम पर करनी थी परंतु ऐसा कुछ भी नही हुआ ना नप में पंजीयन हुआ ना विधिवत अनुमति ली गयी उसके बाद भी अवैध निर्माण बदस्तूर जारी है । ऐसे में इन कॉलोनाइजर्स द्वारा नगर पंचायत घरघोड़ा के राजस्व आय में भी करोड़ो रुपये की चपत लगा दी लेकिन जिम्मेदारी अधिकारी इस पर कार्रवाई करने के बजाए मौन स्वीकृति प्रदान किये हुए है।

राजस्व व नगर पंचायात विभाग कटघरे में:–शासन के नियमो के अनुसार सबसे पहले कालोनाइजर्स को नगरीय निकाय से अनुमति लेनी होती है रेरा में पंजीयन करना होता है तभी राजस्व विभाग से बटांकन कर भूमि का विक्रय किया जा सकता है परंतु यह उल्ट राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने कई बार बटांकन कर कालोनाइजर्स को फायदा पहुचाया गया जिसके कारण इनके द्वारा भूमि को टुकड़ो में विक्रय कर दिया गया ।वही नगरीय निकाय के अधिकारियों का दायित्व है कि बिना सक्षम स्वीकृति के निर्माण कार्य नही होने देना था परंतु आंखों मे पट्टी बांध कर तमसा देखते रहे जो इनके बिना संरक्षण के सम्भव नही है।

अधिकारी नोटिस देकर कर्तव्यों से इति श्री:-अवैध निर्माणों पर नगर पंचायत घरघोड़ा से नोटिस भी जारी हुई पर कार्यवाही कुछ भी नही जिसके फलस्वरूप कॉलोनाइजर्स के हौसलों पर कोई भी फर्क नही पड़ा व उक्त भूमियों पर बिल्डिंगे बन भी रही है व कई बन भी चुकी है।नगर पंचायत भी नोटिस दे कर अपने कर्तब्यों से इतिश्री कर लिया। जो अब स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर अन्य लोगो मे कौतूहल बना हुआ है।
क्या कहते हैं डिगेश पटेल, एसडीएम घरघोड़ा:–
प्रकरण पर मेरे समक्ष शिकायत आया है जिसमें कुछ मामले में स्टे भी लगाया गया है। अगर किसी तरह की कोई गड़बड़ी होती है शासन प्रशासन को भूमि
राजसात करने का अधिकार है। इस सम्बंध में पूरी जानकारी नगर पंचायत अधिकारी ली जायेगी, अगर नियमों के विपरीत कार्य होता है तो नियम के आधार पर कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा

क्या कहते हैं विजय शिशु सिन्हा, अध्यक्ष नगर पंचायत :-मेरे द्वारा इस प्रकरण को लेकर नगर पंचायत व शासन स्तर में शिकायत दर्ज कराया गया है। विडंबना यह है कि अब तक कोई कार्रवाई का आदेश निर्देश जांच तक नही हो पाया है।

सुमित मेहता, मुख्य नगर पंचायत अधिकारी घरघोड़ा:-मेरे पदस्थापना के बाद जब यह प्रकरण सामने आया तो नोटिस जारी किया गया पर अब तक कोई जवाब नही आया। पुनः सम्बंधित को नोटिस दिया जाएगा। एसड़ीएम से मार्गदर्शन लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।