local news

घोर लापरवाही :झिरमिटी कन्या हॉस्टल की बिल्डिंग 9 साल से अधूरी, एक बेड पर दो छात्राएं सोने को मजबूर …. आखिर विभाग कर क्या रहा है?

उदयपुर ( सरगुजा ) । वर्तमान भारत ।

इरफान सिद्दीकी ( उप संपादक)

मामला सरगुजा जिले के झिरमिट्टी गांव के होस्टल का है । यहां लगभः नौ साल पहले 92 लाख की लागत से हॉस्टल भवन का निर्माण शुरू किया गया था लेकिन यह अब तक अधूरा है। इसके कारण हॉस्टल का संचालन सामुदायिक भवन में किया जा रहा है और एक बेड पर दो-दो छात्राओं को सोना पड़ रहा है। इसके बाद भी लापरवाह ठेकेदार और संबंधित अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं विभाग के अफसर कह रहे हैं कि बाकी काम के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया है।

विदित हो कि उदयपुर के झिरमिट्टी में भाजपा शासन के दौरान 2012-13 में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 1.07 करोड़ की लागत से कन्या हॉस्टल बिल्डिंग स्वीकृत हुई। इसके लिए बिलों में टेंडर भिलाई के बाबा बैद्यनाथ कंस्ट्रक्शन को दिया गया और ठेका कंपनी ने 92 लाख 100 सीटर कन्या छात्रावास भवन बनाने का काम शुरू किया और अफसरों व ठेकेदार की लापरवाही से 2017 तक धीरे-धीरे काम किया गया। इसके बाद बिजली कनेक्शन का काम अधूरा छोड़ दिया गया। अब हालत ऐसी है कि भवन खस्ताहाल होने लगा है और वहीं असामाजिक तत्वों का डेरा लगने लगा है। छत के ऊपर लगी पाइप को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है, तो कई खिड़कियां चोरी हो चुकी हैं।

बाउंड्रीवाॅल निर्माण भी अब तक अधूरा

हॉस्टल के पहुंच मार्ग के लिए 8.90 लाख से सड़क बनाई गई है। छात्रावास बिल्डिंग बनने के बाद बाउंड्रीवाॅल बनाने सन 2018-19 में निर्माण एजेंसी कार्यपालन अभियंता ग्रामीण सेवा योजना संभाग अंबिकापुर सरगुजा द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति 11.90 लाख रुपए की लागत से 18 अगस्त 2018 से बाउंड्रीवाॅल बनाया गया, लेकिन पूर्व दिशा की तरफ काम अधूरा छोड़ दिया गया। इसमें मवेशी और असामाजिक तत्वों का आना-जाना बना रहता है।

ठेकेदार ने निर्माण पूर्ण न होने की बताए ये वजह

बकौल ठेकेदार ,”इंजीनियर ने मेरे द्वारा किए काम का एमबी नहीं चढ़ाया। यहां काम कराने में 8 लाख रुपए फंस गए और इसके कारण अब तक भुगतान नहीं हुआ। और काम नहीं कर रहा हूं। प्लीथ गड्ढा में था और वह एस्टीमेट में नहीं था। इससे लागत बढ़ी और बजट नहीं मिला।”

बजट का इंतजार

लोक निर्माण विभाग के ईई वीके सिंह ने कहा बजट नहीं मिलने के कारण काम अधूरा है। बजट मिलने के बाद काम किया जाएगा।

खस्ताहाल भवन के 4 कमरे में 200 छात्राएं

कस्तूरबा गांधी छात्रावास अधीक्षिका प्रमिला लकड़ा ने बताया कि 2007 से 2010 तक हॉस्टल जनपद के पास सामुदायिक भवन में संचालित हुआ। अब 10 वर्ष से झिरमिट्टी मिडिल स्कूल के पीछे के खस्ताहाल हॉस्टल भवन में ही हाईस्कूल की छात्राओं को रखा है, जहां 9 कमरे हैं। इसमें एक ऑफिस, गोदाम, स्टॉफ रूम, टीवी रूम के अलावा चार कमरे में मिडिल व हाई स्कूल की 200 छात्राएं 4 रूम में एक-एक बेड पर डबल अर्जेस्ट कर रही हैं।

बजट स्वीकृति के लिए भेजा है प्रस्ताव


राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के एपीओ बीएल अग्रवाल ने कहा लाइट कनेक्शन का कार्य पूरा नहीं हो सका है। बजट स्वीकृति के लिए चार लाख का प्रस्ताव भेजा गया है। राशि आवंटन होते ही कार्य पूरा कराकर हैंडओवर किया जाएगा।