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शर्मनाक :पाइप टूटने पर छात्र को निकाला,मिस्त्री खोजने शहर में भटकता रहा गांव का छात्र ,T. C.देने की धमकी से सहमे छात्र को अधिकारी से मिली सहानुभूति, DEO ने दिया जांच करवाने का भरोसा

आशीष यादव की रिपोर्ट

शहर के आत्मानंद स्कूल अपने छोटे बड़े कारनामो को लेकर अक्सर चर्चाओं में बना रहता है । ताजा मामला घरघोड़ा के आत्मानन्द स्कूल में छात्र को पाइप तोड़ने के आरोप में स्कूल टाइम में स्कूल से बाहर निकालने और प्लम्बर लाकर बनवाने की धमकी देने का है । सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आत्मानन्द स्कूल में पढ़ने वाले छात्र द्वारा स्कूल में बिछी पाइप लाइन का कोई पाइप टूटने की खबर मिलने पर स्कूल प्रबंधन द्वारा पहले तो छात्र को डांट फटकार लगाई गई और आज ही पाइप को मिस्त्री खोजकर लाने और बनवाने वरना TC देने की धमकी देते हुए स्कूल से बाहर निकाल दिया गया । छात्र अपने साथी के साथ डरा सहमा स्कूल टाइम में शहर में पाइप मिस्त्री खोजता रहा जहां नगर के कुछ प्रबुद्धजनों ने ड्रेस में स्कूल के बच्चे को इस तरह घूमते देखकर जानकारी ली तो छात्र से पूरी आपबीती उन्हें बताई जिस पर प्रबुद्ध जन छात्र को लेकर खण्ड शिक्षा अधिकारी के पास पहुंचे और पाइप मरम्मत की राशि जमा करने एवं छात्र को स्कूल परिसर में प्रवेश देने का निवेदन किया । इस घटना की जानकारी प्रबुद्धजनों के मार्फ़त मिलते ही ततपरता दिखाते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी ने तुरंत आत्मानन्द स्कूल प्रबंधन से टेलीफोन पर चर्चा कर छात्र को स्कूल भेजा एवं किसी प्रकार की पाइप के क्षति पूर्ति की राशि लेने से इनकार कर दिया ।

DEO को भी शिकायत,कार्यवाही का भरोसा

 स्कूल में हुए इस घटनाक्रम से यह तो स्पष्ट नजर आता है कि स्कूल प्रबंधन छोटी मोटी घटनाओं में बचकाने फैसलों से अपनी भद्द पिटवाता है जबकि प्रबंधन को इस ताजा मामले में बच्चे को स्कूल से निकालने और मिस्त्री खोजकर मरम्मत कराने का हिटलरशाही फैसला सुनाने से के बजाय बच्चे के पालक एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी को सूचित करना था जिससे बच्चे के अधिकारों का हनन नही होता और मामला आराम से सुलझा लिया जा सकता था परंतु ड्रेस में छात्र को स्कूल से निकालना और तुरंत पाइप ठीक करवाने का दबाव शिक्षा के मंदिर में स्वीकार योग्य तो बिल्कुल जान नही पड़ता । फिलहाल इस घटना की जानकारी DEO महोदय को भी दी गयी है जिस पर उन्होंने जांच का भरोसा दिलाया है । अब देखना होगा कि जांच के बाद प्रबंधन की इन बचकानी हरकतों पर किस हद तक विराम लग पाता है ।

महत्वाकांक्षी योजना के स्कूल में डिक्टेटर शिप हावी ???

    छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम विद्यालय घरघोड़ा को लेकर जैसा उत्साह पालकों और जनता के बीच बना और स्कूल जिस तरह शहर के चंद अच्छे बड़े स्कूलों में गिना जाने लगा वैसे ही इस स्कूल पर कब्जे की सियासत भी शुरू हो गयी । विश्वस्त सूत्रों के अनुसार स्कूल के फैसलों पर सामूहिक राय के बजाय  एक दो लोगों की राय को ही फैसले के रूप में थोपने की परंपरा स्थापित हो गयी है यहां तक कि स्कूल में हुई किसी फैसले या अप्रत्याशित घटना की जानकारी 200 मीटर की दूरी पर स्थित विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बैठे BEO महोदय को भी नही दी जाती । ऐसे में समझा जा सकता है कि स्कूल प्रबंधन स्कूल को किसी निजी संस्था की तरह आपरेट कर रहा है और उल्टे सीधे फैसलों से महत्वाकांक्षी योजना की मिट्टी पलीत करने में अपना अभिनव योगदान दिए जा रहा है ।