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तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के बच्चों के जीवन में शिक्षा की अलख जगाती शासन की छात्रवृति योजना ،जिले के 1500 से अधिक विद्याथियों को लगभग डेढ़ करोड़ की मिली छात्रवृति

रायगढ़ । वर्तमान भारत ।

आशीष यादव की रिपोर्ट

रायगढ़/ राज्य शासन द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही उनके बच्चों के जीवन में शिक्षा की अलख जगाने का कार्य भी कर रही है। जिसके लिए शासन अध्ययनरत विद्यार्थियों को विभिन्न छात्रवृत्ति प्रदान कर शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इससे पढ़ाई में सहायता होने से बच्चों में पढ़ाई को लेकर ललक बढऩे लगी है। शासन द्वारा बच्चों के पढ़ाई के लिए सहायता मिलने से परिजन भी काफी खुश है। उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा वनोपज से संबंधित लोगों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित कर रही हैं, इसी प्रकार छात्रवृत्ति योजना भी संचालित की जा रही है। जो विशेषाकृत तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों के बच्चों के लिए होता है। इससे शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को विभिन्न प्रकार के शिक्षा के क्षेत्र में अग्रसर होने के लिए प्रबलता प्रदान कर रही है। जिससे अब ग्रामीण क्षेत्र में भी शासन की योजना से शिक्षा की अलख जलने लगी है।


प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति स्तर पर प्रतिवर्ष एक विद्यार्थी को व्यावसायिक कोर्स जैसे इंजीनियरिंग, मेडिकल, विधि, एमबीए एवं नर्सिंग में प्रवेश लेने वाले को प्रथम वर्ष में 10 हजार रुपए, इसके बाद द्वितीय एवं बाद के वर्षो में 5 हजार रुपए प्रतिवर्ष अधिकतम कुल 4 वर्षों में राशि उपलब्ध कराई जाती है। गैर-व्यावसायिक स्नातक कोर्स के लिए अनुदान योजना के तहत प्रत्येक प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति क्षेत्र के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष एक विद्यार्थी बीए, बीकाम, बीएससी में प्रवेश लेने वाले को प्रथम वर्ष में 5 हजार, द्वितीय वर्ष में 4 हजार एवं तृतीय वर्ष में 3 हजार रुपए दी जाती है। मेधावी छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत संग्राहक समिति क्षेत्र में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले एक छात्र एवं एक छात्रा को कक्षा आठवी में 2 हजार, कक्षा दसवीं में 2 हजार 500 तथा बारहवीं में 3 हजार देने का प्रावधान है। इसी प्रकार प्रतिभाशाली छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत समिति क्षेत्र में 75 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित करने वाले समस्त छात्र-छात्राओं को 25 हजार पुरस्कार राशि देने का प्रावधान है।
ग्राम गौरमुडी निवासी अनुराग ने बताया की गैर व्यावसायिक छात्रवृत्ति में उनका चयन हुआ है, योजना के तहत उन्हें प्रथम वर्ष में 5 हजार, दूसरे वर्ष में 4 हजार तथा तीसरे वर्ष में 3 हजार रुपए प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा की इस योजना का लाभ उन्हे उनके परिवार के तेन्दूपत्ता संग्राहक के रूप में जुडऩे के कारण मिला है। इससे पढ़ाई में काफी सहायता मिल जाती है। इसी प्रकार ग्राम खैरपुर निवासी जितेश कुमार ने बताया कि उसका परिवार तेंदूपत्ता संग्राहक के रूप में संलग्न है, जिसके तहत उनका चयन मेधावी एवं प्रतिभाशाली छात्रवृत्ति योजना में हुआ और उसको दोनों योजनाओं की राशि प्राप्त हुई है।
शत-प्रतिशत आवेदनों का किया गया निराकरण

वर्ष 2021-22 में गैर व्यवसायिक योजना के अन्तर्गत रायगढ़ वनमण्डल में कुल 98 आवेदन में 4 लाख 47 हजार रूपए की राशि वितरित की गई। व्यवसायिक योजना अन्तर्गत 15 आवेदनों में 1 लाख 25 हजार रुपए, मेधावी योजना के तहत 274 आवेदनों पर 6 लाख 82 हजार 500 रुपए तथा प्रतिभाशाली योजना अन्तर्गत 475 आवेदनों में 81 लाख 15 हजार रूपए वितरित की गई। इस प्रकार 862 कुल आवेदनों का शत-प्रतिशत निराकरण करते हुए 93 लाख 69 हजार 500 रूपए वितरित किया गया। इसी प्रकार धरमजयगढ़ वनमण्डल में गैर व्यवसायिक योजना के अन्तर्गत 140 आवेदनों में 6 लाख 3 हजार रूपए, व्यवसायिक योजना अन्तर्गत 25 आवेदनों में 1 लाख 80 हजार रुपए, मेधावी योजना के तहत 309 आवेदनों पर 7 लाख 69 हजार 500 रुपए तथा प्रतिभाशाली योजना अन्तर्गत 199 आवेदनों में 34 लाख 85 हजार रूपए वितरित की गई। इस प्रकार जिले के कुल 01 हजार 535 विद्याथियों को 01 करोड़ 44 लाख 6 हजार 500 छात्रवृति के रूप में प्रदान की गई।