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बूंद-बूंद की जंग:आज भी विकास से कोसो दूर है बगीचा जनपद का ग्राम पंचायत गायबुड़ा गनय्यापाठ…पंगू सिस्टम, दम तोड़ती व्यवस्था, 2 किमी दूरी तय कर पहाड़ी कोरवा पी रहे नाले का ‘शुद्ध’ पानी, जिम्मेदार जानकर भी अनजान, कब होगा समाधान ?

जशपुर । वर्तमान भारत ।

आशीष यादव की रिपोर्ट

जशपुर।वर्तमान भारत । जशपुर जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है. जिले के बगीचा जनपद में पहाड़ी कोरवा परिवार अधिकतर गांवों में निवास करते है. पहाड़ी कोरवा विशेष पिछड़ी जनजातीय और राष्ट्रपति दत्तक पुत्र है. सरकार इनके संरक्षण और विकास के लिए हर साल करोड़ों रुपए देती है. लेकिन आज भी ये विकास के अभाव में जीवन जीने को मजबूर है. पंचायत प्रतिनिधियों के लापरवाही से ये लोग. जान जोखिम में डालकर नाले का गंदा पानी पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं.

बगीचा जनपद के ग्राम पंचायत गायबुड़ा गनय्यापाठ में 20 पहाड़ी कोरवा परिवार आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए बाट जोह रहा है. राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र आज भी नाले-ढोडी का पानी पीने मजबूर हैं. पीने के पानी के लिए हर रोज 2 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है. उसके बाद भी ये गंदा पानी पीने पर मजबूर हैं. जहां का ये लोग पानी पीते हैं, वहां जानवर भी पानी पीते हैं. जिससे डायरिया का खतरा बना रहता है.

क्या कहती है जनपद सदस्य पार्वती यादव


जनपद के सामान्य सभा बैठक में कई बार क्षेत्र की समस्या को उठाई, लेकिन मेरी बात को आज तक गंभीरता से नहीं लिया गया. यही कारण है कि आज भी गायबुड़ा गनय्यापाठ के 20 परिवार को पीने के पानी के लिए 2 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. जहां उनको मजबूरी में नाले का गंदा पानी पीना पड़ रहा है. हैंडपंप तो लगा है, लेकिन वह भी 3 महीने से खराब पड़ा हुआ है. कई बार सरपंच सचिव को सूचना दिया गया, लेकिन इस ओर ध्यान ही नहीं देते हैं. अभी तो गर्मी भी नहीं आई है तो इतनी समस्या है गर्मी में तो नदी-नाले और ढोड़ी भी सूख जाता है. ऐसे में प्रशासन को जल्द ही पीने की पानी की व्यवस्था करनी चाहिए.

क्या कहते है बगीचा एसडीएम आर पी चौहान

मुझे जानकारी ना होने की बात कही है. साथ ही कहा कि आपके माध्यम से मुझे सूचना मिली है. पंचायत में पेयजल के लिए अलग से फंड होता है. मैं हैंडपंप के रिपेयरिंग के लिए सरपंच सचिव को बोलता हूं, ताकि उनको शुद्ध पेयजल पीने को मिले.