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छत्तीसगढ़ सरकार से नाराज संविदा कर्मचारी…33 जिलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी…कर्मचारियों ने कहा- “तुम तो धोखेबाज हो,वादा करके भूल जाते हो..?पढ़ें पूरी खबर

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

रायपुर (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत। प्रदेश में साढ़े चार साल बाद भी संविदाकर्मियों से किया हुआ जनघोषणा पत्र में कांग्रेस का नियमितीकरण का वादा पूरा नहीं हुआ है। 2018 में आज ही के दिन संविदाकर्मी नियमितिकरण को लेकर हड़ताल कर रहे थे और अब एक बार फिर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है।

दरअसल, हाल ही बने डिप्टी सीएम टी.एस. सिंहदेव ने 3 जुलाई 2018 में हड़ताल स्थल पर जाकर घोषणा की थी कि, यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो 10 दिनों के अंदर संविदाकर्मियों की मांगों को पूरा कर दिया जाएगा। इसके बाद कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी इसे शामिल किया गया था। लेकिन अब तक कांग्रेस इस वादे को पूरा नहीं कर पाई है। इसलिए एक बार फिर संविदाकर्मी बगावत पर उतर आए हैं।

आपको बता दें, संविदाकर्मियों का कहना है कि, सरकार बदल गई, लेकिन अब तक हमारा भाग्य नहीं बदला। जिससे नाराज प्रदेश के 54 विभागों के कार्यरत संविदा कर्मचारी 33 जिलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के दौरान नियमितिकरण का वादा अधूरा होने की वजह से संविदा कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की।

छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि, सरकार ने संविदा कर्मचारियों से जनघोषण पत्र में नियमितिकरण का वादा किया था। लेकिन सरकार ने 4 साल 6 महीने बीत जाने के बाद भी वादा कर पूरा न करना यह गैर लोकतांत्रिक हैं। अब हमारी मांग यह है कि, सरकार आने वाले अनुपूरक बजट में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा पूरा करें।

जिला अध्यक्ष शेख मुयुनिदीन ने कहा कि,इन साढ़े चार सालों में सरकार की तरफ से हमारी वादों को पूरा नहीं किया गया।रथयात्रा में 33 जिला कलेक्टर को और कई कांग्रेस मंत्रीगण, विधायकों और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देने के बाद भी हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया। यह लोकतंत्र में चिंताजनक और दुखद है। सरकारखिलाफ कर्मचारियों में आक्रोश देखने को मिला रहा है।

महासंघ के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने बताया कि, संविदा कर्मी की भीड़ 2024 के चुनाव में छत्तीसगढ़ में किस पार्टी की सरकार बनेगी यह तय करेगा। इसलिए सरकार को सचेत रहना चाहिए। वहीं महासंघ के प्रातीय प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी सूरज सिंह ठाकुल ने कहा कि, मीडिया प्रभारी सूरज सिंह ठाकुर ने कहा कि, साढ़े 4 सालों से निवेदन और मुलाकात के माध्यम से सरकार को संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग से अवगत करवाते रहे हैं। लेकिन सरकार इस पर विचार करने को तैयार नहीं है। ऐसा लग रहा है मानो सरकार खुद संविदा कर्मचारियों को अनिश्चिकालीन आंदोलन के लिए मजबूर कर रही है। क्योंकि इनके आंदोलन करने से स्वास्थ्य, पंचायत, महिला बाल विकास विभाग, कृषि विभाग और कलेक्टर कार्यलय में काफी असर पडे़गा। अहम बात यह है कि, महिलाओं ने अपने हाथों में संविदा नियमितीकरण लिखकर सोशल मीडिया पर भी वायरल किया है।