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Chhattisgarh Election 2023 : भाजपा,कांग्रेस व बसपा को देखे हैं बार-बार…अबकी बार छत्तीसगढ़ में होगी “आप” की सरकार…छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस महामंत्री लल्लू सिंह “आप” में हुए शामिल,कहा- “आप” की सरकार बनने पर पंजाब जैसा हरा भरा होगा छत्तीसगढ़…भाजपा के खेमे में मची खलबली…छत्तीसगढ़ के वोट बैंक पर आपकी नजर…पढ़ें पूरी खबर

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

बिलासपुर (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत। बिलासपुर में आम आदमी पार्टी ने बड़ी सभा आयोजित की थी. जिसमें पार्टी के दिग्गज नेता प्रदेश सरकार और बीजेपी के खिलाफ जमकर गरजे. इस सभा में जहां अरविंद केजरीवाल ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर घोटाले करने के आरोप लगाए, वहीं भगवंत मान और राज्यसभा सांसद डॉक्टर संदीप पाठक ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया.लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले बिलासपुर संभाग पर ही क्यों फोकस किया.वो भी तब जब केंद्र के बड़े दिग्गजों ने बिलासपुर में ही अपनी सभाएं की हो.इस सवाल का जवाब पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखने से पता चलता है।

आम आदमी पार्टी की इस सभा ने अब जेसीसीजे, बीएसपी के साथ ही बीजेपी के खेमे में खलबली बढ़ा दी है।

छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस महामंत्री लल्लू सिंह ‘आप’ में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि आप की सरकार बनने पर पंजाब जैसा हरा भरा छत्तीसगढ़ को भी करके दिखाएंगे। इसलिए भाजपा, कांग्रेस, बसपा को देख चुके हैं, लेकिन एक बार आप की सरकार को आजमा कर देखने की गुजारिश की है।

बिलासपुर संभाग में आम आदमी पार्टी ने ताकत दिखाते हुए बड़ी सभा की.ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले चुनाव में संभाग की जनता का वोट किसी एक पार्टी पर आश्रित नहीं रहा है. जनता ने हर बार वोटों का समीकरण बदला है. पिछले चुनाव में बिलासपुर संभाग की 24 सीटों में से 12 सीटों पर कांग्रेस जीती थी.वहीं बाकी की सीटों पर बीजेपी, जनता कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने कब्जा जमाया था.जोगी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने एक और सीट अपने नाम की थी. लिहाजा ये कहना गलत नहीं होगा कि आम आदमी जैसी नई पार्टी के लिए बिलासपुर संभाग से अच्छा प्लेटफॉर्म नहीं मिल सकता‌ है।

छत्तीसगढ़ में आप की स्थिति : प्रदेश में आम आदमी पार्टी के 6 लाख से अधिक कार्यकर्ता हैं. जो वोटरों को साधने के लिए घर-घर जाकर मेहनत कर रहे हैं.आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ के ट्राइबल सीटों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस कर रही है. बस्तर, सरगुजा संभाग के बाद आम आदमी पार्टी की नजर बिलासपुर संभाग पर है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ की सभी जगहों पर नजर आएगी. लेकिन बस्तर, बिलासपुर और सरगुजा संभाग में आम आदमी पार्टी का फोकस ज्यादा है।

”बिलासपुर संभाग की यदि बात करें तो यहां का वोट बैंक बटा हुआ नजर आता है.जहां प्रदेश के चारों संभागों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था.वहीं बिलासपुर की 24 में से 13 सीटें ही कांग्रेस के पास हैं. इसलिए विरोधी ये मानते हैं कि कांग्रेस के लिए बिलासपुर की सभी सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करना किसी चुनौती से कम नहीं है.इसलिए संभाग की कई सीटों पर आम आदमी पार्टी की नजर है. वहीं राज्यसभा में आम आदमी पार्टी से संदीप पाठक हैं. जो छत्तीसगढ़ के मुंगेली के रहने वाले हैं. लिहाजा होम टाउन होने के कारण जनता से अटैचमेंट आम आदमी पार्टी के काफी काम आ सकता है.” अनिरुद्ध दुबे, वरिष्ठ पत्रकार

जोगी कांग्रेस और बसपा के वोटर्स साध सकती है आप

वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे के मुताबिक ” बिलासपुर में एक संभावना यह भी देखी जा रही है कि बिलासपुर संभाग में अजीत जोगी का बड़ा प्रभाव देखने को मिलता था. अजीत जोगी के निधन के बाद जोगी कांग्रेस कई भागों में बंट गई . हर पार्टी का फोकस होता है कि मतदाता उनकी तरफ आए. अजीत जोगी के प्रभाव से जो जोगी कांग्रेस का वोट बैंक बंटा है उसी वोट बैंक पर आप की नजर है.आम आदमी पार्टी पिछड़ा वर्ग और दलितों की बात भी करते हुए नजर आती है. बिलासपुर संभाग के दो से तीन विधानसभा सीटों पर बहुजन समाज पार्टी का बहुत प्रभाव है.इस पर भी आम आदमी पार्टी की नजर है.”

पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन

साल 2018 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 50 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था. हालांकि इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को ज्यादा वोट हासिल नहीं हुए थे.चुनाव में पार्टी को 1 लाख 25000 वोट मिले थे. 2018 के चुनाव में आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत सिर्फ 0.9% था. 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी बड़े दमखम के साथ उतर रही है. ऐसे में पार्टी बड़ा उलटफेर कर सकती है।

लिहाजा आप की सभा मे आई भीड़ ने सभी दलों की बेचैनी बढ़ा दी है. जेसीसीजे और बीएसपी के बाद सबसे ज्यादा टेंशन बीजेपी के लिए हो सकती है. ऐसे में अब देखना होगा कि बीजेपी के पास आम आदमी पार्टी की क्या काट है।