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जशपुर के मजदूरों की आपबीती दास्तां.! अधिक मजदूरी की झांसा में फंसे चार मजदूर युवक…बदमाश गुंडों ने बंधक बनाकर वसूले 80 हजार की फिरौती…जांच में जुटी पुलिस…पढ़ें पूरी खबर

रिपोर्ट : गजाधर पैकरा

जशपुर :- छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के मजदूरों की आपबीती की मामला की हकीकत दास्तां है। साहब हम,रोजगार और अधिक मजदूरी के लालच में गुंडों के जाल में फंस गए थे। गुंडों ने हमें कैद करके बुरी तरह से मारपीट किया और 80 हजार रूपए की फिरौती लेकर हमें छोड़ तो दिया, लेकिन हमारे मोबाइल लूट लिए।

किसी तरह जान बचाकर हम तमिलनाडु से वापस अपने घर पहुंचें हैं।

ज्ञात हो कि, शहर की समीपस्थ ग्राम सिटोंगा के निवासी चार युवकों ने तमिलनाडु के जोलारपेट्टाई गांव से वापस आने के बाद आपबीती सुनाते हुए उक्त बातें कही। सुमित (27) पिता बेनिदिक तिर्की ने बताया कि बीते वर्ष 2023 में वे लोग मजदूरी की तलाश में आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा गए थे। यहां से वापस आने के दौरान ट्रेन में एक अज्ञात व्यक्ति मिला। इसने उन्हें एक विजिटिंग कार्ड थमाकर अगले साल आने से पहले काल करने को कहा। इस साल धान की कटाई और मिसाई का काम पूरा करने के बाद चारों युवक विजयराम(18) पिता रामलाल, नीलम (21)पिता सेबेरियुस और श्यामलाल (25)पिता सनसाय राम के साथ मजदूरी करने के लिए बाहर जाने की योजना बनाई। विजयवाड़ा जाने से पहले इन युवकों ने विजिटिंग कार्ड में दिए हुए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया।

दरअसल, काल रिसीव करने वाले व्यक्ति ने उन्हें जोलारपेट्टाई के एक बिस्कुट फैक्टरी में मजदूरी दिलाने और प्रतिदिन 700 रूपये के हिसाब से मेहनताना दिलाने का झांसा दिया। अधिक मजदूरी में फंसते हुए इन चारों युवकों ने जोलारपेट्टाई जाने का निर्णय लिया। शातिर बदमाशों ने इन चारों युवकों के जोलारपेट्टाई तक पहुंचने के लिए ट्रेन का टिकट भी बुक कर दिया। श्याम लाल ने बताया कि जोलारपेट्टाई पहुंचने पर,एक व्यक्ति उनके पास पहुंचा और एक वेन में बैठापर घुमाते फिराते हुए एक कमरे में ले गया। यहां पहले से ही 6 अज्ञात लोग मौजूद थे। कमरे उन्हें बंद करके उनके साथ मारपीट शुरू कर दिया। बेदम पिटाई करने के बाद गुंडों ने उनसे मोबाइल छीन लिया और घर से 20-20 हजार रूपये मंगाने के लिए दबाव डालने लगे।

बता दें कि, दो घंटे का समय देकर,गुंडे इन मजदूरों को कमरे में बंद करके चले गए। दो घंटे के बाद वापस आकर गुंडों ने युवकों को फिर से पीटा। जान बचाने के लिए युवकों ने अपने स्वजनों को फोन करके गुंडों को देने के लिए 80 हजार रूपये यूपीआई के माध्यम से मंगा लिए। रूपये मिलने के बाद आरोपितों ने चारों युवकों को वापसी के लिए 2 हजार रूपये देकर एक बस स्टैंड में छोड़ दिया। बस स्टैंड में बड़ा रेल स्टेशन के संबंध में पूछताछ करते हुए युवक किसी तरह हुसुर स्टेशन पहुंचे। यहां से आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा पहुंचे। आगे के लिए किराया ना होने के कारण,एक दुकान संचालक की मदद से 5 हजार रूपये मंगाया और ओडिशा के झारसुगड़ा होते हुए जशपुर पहुंचे।

कर्ज में डूबा परिवार

जानकारी के मुताबिक, ग्रामीण बेनेदिक कुजूर ने बताया कि बेटे की जान बचाने के लिए उन्होनें गुंडों को देने के लिए अपने परिचितों से उधार लेकर रूपये का इंतजाम किया था। अब बेटे के सुरक्षित घर आने के बाद उन्हें बड़ी राहत मिली है। साथ ही कर्ज लिए हुए रकम को वापस करने की चिंता भी सताने लगी है। कटरिना बाई ने बताया कि चारों युवक के परिवार मजदूरी और कृषि कार्य करके गुजारा करते हैं। ऐसे में जब युवक परदेश में संकट में फंसे तो जान बचाने के लिए उधार लेना मजबूरी हो गया था। उन्होनें रोजगार की तलाश में बाहर जाने वाले युवकों से अपील किया कि वे इस तरह आंख मूंद कर अधिक मजदूरी की लालच में ना फंसे।

जांच में जुटी पुलिस

फिलहाल, तमिलनाडु में युवकों को बंधक बनाकर मारपीट किए जाने और फिरौती वसूल किए जाने का मामला उजागर होने के बाद जशपुर पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। जशपुर के एसडीओपी राजेश देवांगन ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

अब गांव में ही करेगें मजदूरी

तमिलनाडु के जोलारपेट्टाई में हुई घटना के बाद विजय, सुमित, नीलम और श्याम लाल बुरी तरह से डरे हुए हैं। इनका कहना है कि अब वे रोजगार के लिए दूसरे राज्य जाने की जगह अपने गांव में ही रह कर मजदूरी करना पसंद करेगें।

“मामले की शिकायत मिली है. इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. रोजगार के लिए दूसरे राज्य जाने वाले लोगों से अपील है कि किसी अंजान व्यक्ति के झांसे में आकर अंजान स्थानों पर ना जाएं. जाने से पहले अपने स्वजनों और पंचायतों में पूरी जानकारी दर्ज कराएं. ताकि जरूरत पड़ने पर,सहायता उपलब्ध कराई जा सके.”- राजेश देवांगन,एसडीओपी,जशपुर