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मैनपाट महोत्सव में लोकल आर्टिस्ट टीम की बेइज्जती…परफॉर्मेंस का इंतजार कर रहे लोकल कलाकारों का अपमान…ऑर्गेनाइजर ने बेइज्जत कर स्टेज से उतारा…पढ़ें पूरी खबर



अंबिकापुर/सरगुजा :- छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मैनपाट में आयोजित होने वाले मैनपाट महोत्सव में लोकल आर्टिस्ट टीम की बेइज्जती की गई है। अपने मिले टाइम स्लॉट में परफॉर्मेंस देने का इंतजार कर रही टीम को बेइज्जत कर स्टेज से उतार दिया गया। वहीं, आयोजकों ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि समय कम होने के चलते बाद में परफॉर्म करने को कहा।

छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, सरगुजा के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट महोत्सव का मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुभारंभ किया। वहीं, बॉलीवुड के जाने-माने कलाकारों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि और स्थानीय कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति से लोगों का मनमोह लिया। लोगों ने भी कार्यक्रम का लुफ्त उठाया। इसी दौरान मंच के पीछे स्थानीय कलाकार की टीम बबीता विश्वास व प्रदीप विश्वास की टीम अचानक से रोने लगी। उन्हें रोता हुआ देखा जब मीडिया ने उनसे उनकी परेशानी के बारे में जाना तो सुनकर बड़ा ही अचरज हुआ।

दरअसल, बबीता विश्वास का यह आरोप है कि उन्हें जिला प्रशासन सरगुजा ने कार्यक्रम की प्रस्तुति के लिए बुलाया गया था। कार्यक्रम के दौरान फिक्स किए गए स्लॉट के समय सीमा पर अपनी प्रस्तुति देने के लिए पूरी टीम मंच के पास 2 घंटे तक खड़ी थी। कार्यक्रम में विलंब के चलते बबीता विश्वास की टीम के साथ ना भूलने वाला वाकया हो गया।

कलाकार टीम को किया बेइज्जत

स्थानीय आयोजन समिति के द्वारा समय सीमा को काटकर 5 मिनट के लिए प्रस्तुति देने कहा गया। उनके इस बात पर बबीता विश्वास ने रिक्वेस्ट की कि हमारी पूरी टीम आई है। यहां सरगुजा संभाग ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ से यहां पर लोग उन्हें सुनने और देखने आए हैं। हम अपनी पूरी प्रस्तुति देकर ही जाएंगे। मगर जिला प्रशासन ने उन्हें और उनकी टीम को मंच से बेइज्जत कर उतार दिया गया।

आयोजकों ने मामले में दी सफाई

बबीता विश्वास का कहना है कि जब सरगुजा जिले के मैनपाट जो कि छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाला क्षेत्र है। जहां, आज भी सालों भर लोगों का आना-जाना बना रहता है। वहां, पर उन्हें इस प्रकार का निरादर करना और स्थानीय कलाकारों का अपमान करना सही नहीं है। बॉलीवुड की कलाकार को इस तरह आगे लाना स्थानीय कलाकारों का अपमान है। वहीं, जिला प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा है कि समय कम था और सभी को प्रस्तुति देनी थी इसी कारण उन्हें बाद में कार्यक्रम करने का कहा गया।