Latest:
Event More NewsPopular Newsस्वास्थ्य

CG Breaking : लापरवाही की सारी हदें पार…नहीं थी एंबुलेंस में ऑक्सीजन व्यवस्था…वजह, प्रसव पीड़ा से ग्रसित महिला ने तोड़ा अपना दम…पढ़ें पूरी खबर



दंतेवाड़ा :- छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा की यह पूरी मामला है। सरकारें लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कागजों से कहीं दूर नजर आती है. ऐसी ही एक घटना छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा  से सामने आ रही है.

बता दें कि, जिसने सरकारी दावों की पोल खोल दी है. यहां प्रसव पीड़ा से परेशान महिला के लिए कॉल कर एंबुलेंस बुलाई गई लेकिन आश्चर्यजनकरूप से एंबुलेंस में सिर्फ एंबुलेंस चालक था उसके साथ कोई एएनएम थी ना ही कोई ईएमटी. अगर इस महिला को संजीवनी एंबुलेंस या महतारी एक्सप्रेस में लेकर जाते तो इसकी जान बच सकती थी. अगर इस महिला को संजीवनी एंबुलेंस या महतारी एक्सप्रेस में लेकर जाते तो इसकी जान बच सकती थी.

ये कैसी आधी – अधूरी एंबुलेंस

दरअसल, बताइए ऐसी एंबुलेस का भी भला कोई क्या करेगा. जिसमें कोई जरूरी इक्विपमेंट्स ही ना हो. एंबुलेंस के अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला ने बच्ची को जन्म दिया लेकिन एंबुलेंस के अंदर इलाज की कोई व्यवस्था ना होने के कारण प्रसव पीड़ा से ग्रसित महिला बेहोश हो गई. महिला को ना ही ऑक्सीजन मिल सकी ना ही कोई प्राथमिक उपचार ही मिला जिससे महिला ने बारसूर उपस्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया.

एरपुंड प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में नहीं था कोई स्टाफ

दरअसल, एरपुंड प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कोई स्टाफ ना होने के कारण नॉर्मल एंबुलेंस से गर्भवती महिला को दंतेवाड़ा ज़िले के बारसूर उपस्वास्थ्य केंद्र के लिए लाया जा रहा था. दावे बेशक किए जा रहे हैं लेकिन यहां स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ रही हैं. मृतिका के पति पांडे का कहना है सुबह मेरी पत्नी को पेट दर्द शुरू हुआ उसके बाद मैने मेरे पड़ोसी के घर जाकर एरपुंड प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के एंबुलेंस को फोन कर बुलाया. एंबुलेंस के पहुंचने से पहले ही मेरी पत्नी डिलवरी हो गई और उसके बाद बेहोश हो गई. उसने बताया जो एंबुलेंस लेने आयी थी उसमे कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी. वह नॉर्मल गाड़ी जैसी थी. एरपुंड पंचायत में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कोई स्टाफ नहीं होने के कारण हम बारसूर लेकर आ रहे थे.

हितामेटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समय पर नहीं खुलता

फिलहाल, बताया जा रहा है कि ऐरपुण्ड में स्थित हितामेटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समय पर नहीं खुलता है. यहां के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी सुबह 11 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं और 3 बजे अस्पताल बंद कर वापस दंतेवाड़ा ज़िले के बारसूर चले जाते हैं. रात में भी कोई स्टाफ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं ठहरते. सभी स्टाफ बारसूर जाकर रुकते हैं.