भ्रष्ट अधिकारियों की कार्यशैली से जनता परेशान…. लचर व्यवस्था से नगर वासियों में भारी आक्रोश…
कुसमी । वर्तमान भारत ।
कुसमी से अमित सिंह की रिपोर्ट
मई 2003 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के अस्तित्व में आए आज नगर पंचायत कुसमी को आज लगभग 18 वर्ष हो गए लेकिन नगर पंचायत की स्थिति ग्राम पंचायत से भी बद से बदतर हो चुकी है ,जिसे खराब करने की मुख्य भूमिका अभी प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी एस.के. दुबे कर रहे हैं ।लापरवाह इनके कर्मचारी और खुद यह तानाशाह बन बैठे हैं जिसका खामियाजा नगर के आम नगरवासी भुगत रहे हैं , 18 वर्ष में आज तक नगर पंचायत में 18 भी ऐसे कोई अच्छे कार्य नहीं हुए हैं जिससे की आम जनता का हित हो, इन सब बातों से तो दूर नगर पंचायत में जितने भी स्ट्रीट लाइट हैं उनकी व्यवस्था अत्यंत ही लचर हो गई है आज पूरे नगर पंचायत को देख लिया जाए तो बमुश्किल 10 से 12 ही स्ट्रीट लाइट सड़कों में रोशनी दे रहे हैं नहीं तो सब किसी न किसी कारण से बंद पड़े हैं नगरवासी अंधेरे में चलने पर मजबूर है असामाजिक तत्व इसका फायदा उठाकर चोरी जैसे संगीन अपराध कर रहे हैं आखिर इसका जिम्मेदार कौन है??? नगर के विद्युत व्यवस्था को सुधारने के लिए इनके द्वारा एक इलेक्ट्रिशियन मुन्ना राम को रखा गया है जो विगत 2 वर्षों से लगभग नगर पंचायत में कार्यरत है वह दिन से लेकर रात तक शराब के नशे में मदमस्त होकर कार्यालय में बैठा रहता है। विश्वसनीय सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार हर वित्तीय वर्ष में निकाय के बिजली व्यवस्था सुधार हेतु प्रशासन द्वारा लाखों रुपए दिया जाता है लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से जनता की गाढ़ी कमाई का लाखों रुपए कहां चंपत हो जाते हैं इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। वहीं दूसरी ओर घर-घर पानी पहुंचाने की शासन की महत्वकांक्षी योजना नल जल योजना के तहत नगर के कई जगहों में पाइप लाइन विस्तार के लिए गड्ढे खोदे गए हैं यह विस्तार का कार्यक्रम विगत 2 वर्षों से चल रहा है ठेकेदार के द्वारा अधिकारियों की मौन सहमति से कई सीमेंट कांक्रीट सड़कों को तोड़कर उसके नीचे पाइप लाइन का विस्तार किया गया है लेकिन आज तक उन सीसी सड़कों का मरम्मत वार्ड के कई जगह में नहीं किया गया मुख्य मार्ग की स्थिति तो और ही दयनीय है जहां पाइप एंड विस्तार के लिए सड़क किनारे गड्ढा खोदा गया है वही बॉक्साइट माइन्स परिवहन कर रही ट्रक ने उसे रौंद ते हुए धूल का गुब्बारा उड़ रहा है सड़क के किनारे रहने वाले आम नागरिकों का जीना दुश्वार हो गया है ।निकाय के द्वारा मात्र सप्ताह में 2 दिन ही सड़क के किनारे झाड़ू लगाया जाता है इन सब बातों से अंदेशा लगाया जा सकता है कि प्रशासनिक अधिकारी प्रशासन की कार्य योजना का क्रियान्वयन करने के लिए कितना मुस्तैद है जानकारी हेतु बता दें कि प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी एस.के. दुबे का स्थानांतरण नगर पंचायत कुसमी से नगर पंचायत पत्थलगांव में लेखाधिकारी पद पर वापसी हो चुका था किंतु इनके द्वारा पुनः अधिकारियों की मिलीभगत से ये डेरा जमाए बैठे हैं । उनके रहते नगर का विकास नहीं विनाश ही होना है आदिवासी विकास खंड कुसमी के आदिवासी विकास विभाग की जमीन को प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत कुसमी की मिलीभगत से अतिक्रमणकारियों द्वारा दिन प्रतिदिन अतिक्रमण किया जा रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण पशु विभाग के बाउंड्री वॉल से लेकर विकास खंड शिक्षा अधिकारी के मुख्य गेट तक देखा जा सकता है मिली जानकारी के अनुसार नगर पंचायत के कर्मचारियों द्वारा प्रति माह इन से किराया भी वसूली जाती है इसी कारण तमाम विरोध के बावजूद भी निकाय द्वारा मात्र नोटिस देकर ही मामले को विगत कई वर्षों से शांत कराया जा रहा है। नगर में कई ऐसे तमाम मुद्दे हैं जिन पर विचार करना बहुत ही आवश्यक है बाहर हाल देखना तब यह है कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा नगर की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए क्या कारगर उपाय एवं कोशिश किए जा रहे हैं।
इस संबंध में प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर पंचायत कुसमी से बात करना चाहा गया तो उनके द्वारा यह जवाब दिया गया कि मैं अभी भारी व्यस्त हूं।
इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष नगर पंचायत कुसमी सोमनाथ भगत ने बताया कि मैं विगत 2 वर्षों से बुनियादी समस्याओं को लेकर लड़ रहा हूं लेकिन नगर पंचायत के अधिकारियों के द्वारा इसमें कोई भी पहल नहीं किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर आदिवासी विकास विभाग की जमीन पर कब्जा कर लोगों के द्वारा दिन-प्रतिदिन अतिक्रमण का दायरा बढ़ाया जा रहा है उसकी पूरी जिम्मेदारी सी.एम.ओ. कुसमी की है।
इस संबंध में संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन विभाग अंबिकापुर से संपर्क करना चाहा गया किंतु उनसे संपर्क नहीं हो पाया।