Latest:
स्वास्थ्य

तेल में खेल : छत्तीसगढ़ में 49.7%तेलों में मिलावट ……खाद्य तेलों में कीटनाशक …..……जांच हेतु लिए गए 177 सैंपल मे से 88 खाने योग्य नहीं……

रायपुर । वर्तमान भारत ।

दिनेश मिश्रा

एफएसएसएआई ने अपनी जांच में छत्तीसगढ़ में 49.7% खाद्य तेलों में मिलावट पाई है। इन खाद्य तेलों हानिकारक कीट नाशक की मात्रा पाई गई है। एफएसएसएआई की रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में सभी जिलों से अलग-अलग तेलों के 177 सैंपल कलेक्ट किए गए थे, जिसकी देशभर की अलग-अलग प्रयोगशालाओं में जांच करवाई गई।इन सैंपलों में आधे (88 या 49.7 प्रतिशत) मानकों पर खरे नहीं उतरे या मिलावट पाई गई है। यहां बिक रहा राइस ब्रान आइल और सरसों तेल ऐसे हैं, जिनके सैंपल सबसे ज्यादा फेल हुए हैं, यानी इनकी क्वालिटी बाकी तेलों की तुलना में खराब पाई गई है। यही नहीं, देशभर के 29 राज्यों में छत्तीसगढ़ तेलों की क्वालिटी के मामले में 24वें पायदान पर है, अर्थात यहं के बाद देश में केवल 5 ही राज्य हैं जहां खाने के तेल के सर्वाधिक सैंपल फेल हुए हैं।

तेलों में कई और कमियां

प्रदेश से इकट्ठा किए गए सैंपल में फैटी एसिड और आयोडीन की कमी पाई है। यानी कंपनी पैकेजिंग में जिन तत्वों के तेल में शामिल होने का दावा कर रहती हैं, सैंपल जांच में वे मिले नहीं या उनकी मात्रा कम पाई गई है। यह मिसलीडिंग की श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि कंपनियां उपभोक्ताओं को गुमराह कर रही हैं। उधर, राज्य में फेल सैंपल में 20.3 प्रतिशत एसिड वैल्यू और 35.3 प्रतिशत में नमी मिली है। इसके अलावा विटामिन-ए, विटामिन-डी2, विटामिन-डी3 भी मानकों से कम मिला है।ऑफ्लाटॉक्सिन्स की मिलावटसरसों तेल, नारियल तेल, सूरजमुखी, कुसुम तेल, मूंगफली, राइस ब्रेन, तिल का तेल, मक्के का तेल और अलसी तेल में मिलावट मिली है। सबसे ज्यादा मिलावट राइस ब्रान ऑइल और सरसों में पाई गई है। इनमें ऑफ्लाटॉक्सिन्स, कीटनाशक और घातक रसायन और भारी मेटल मिले हैं। रिपोर्ट में हाईड्रोसाइनिक एसिड का भी जिक्र है, जो घातक रसायन माना जाता है।

तेल बदल-बदलकर इस्तेमाल करें

सीनियर डायटीशियन स्मृति वाजपेयी के अनुसार किसी भी तेल को देखकर मिलावट का अंदाजा नहीं लगा सकते, न ही घरेलू ऐसी कोई विधि है जिससे मिलावट को पकड़ा जा सके। इसलिए हम यही सलाह देते हैं कि बदल-बदल कर तेल का इस्तेमाल करें। तेल खरीदते वक्त एफएसएसएआई का मार्का जरूर देखें। आज बच्चों में मैटावॉलिज्सम की समस्या तेजी से बढ़ रही है, यह जंक फूड से ज्यादा खाद्य तेल की वजह से हो सकता है। खाद्य विभाग को समय-समय पर सैंपलिंग करना चाहिए। सख्ती होगी तो निश्चित तौर पर गड़बड़ी पर रोक लगेगी। डर पैदा होगा।-

किडनी-हार्ट को नुकसान

खाद्य तेलों में मिलावट हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक है।ऑफ्लाटॉक्सिन्स लिवर, हाईड्रोसाइनिक किडनी, हेवी मेटल किडनी व हार्ट को नुकसान पहुंचाता है।

.