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छत्तीसगढ़ समाचार :बारिश से बचाने की हर कोशिश रही नाकाम …यहां भीग रहा संग्रहण केंद्रों में रखा लाखों क्विंटल धान …अधिकारी एक दूसरे को बता रहे हैं इसकी जिम्मेदार …

बस्तर । वर्तमान भारत ।

गजाधर पैकरा

बस्तर !वर्तमान भारत !छत्तीसगढ़ सरकार किसानों की सरकार होने का दावा करती है !वह किसानों का धान 2500 सौ रुपए की समर्थन मूल्य में खरीद रही है! इस कीमत पर किसानों से धान खरीदी करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है !इसके बाद भी धान को लेकर विभाग के अधिकारी घोर लापरवाही बरत रहे हैं !दरअसल किसानों से धान खरीदी किए ढाई महीने बीतने को है !इसके बाद भी धान संग्रहण केंद्रों में लाखों क्विंटल धान उठाव ना होने की वजह से अभी भी खुले आसमान के नीचे पड़ा है!

सबसे ज्यादा बुरा हाल छत्तीसगढ़ के बस्तर में है !वहां पिछले कई दिनों से शाम होते ही बारिश हो रही है! ऐसे में खुले में रखा धान बारिश में भीग रहा है !अब आलम यह है कि यह धान अंकुरित हो गया है! बस्तर जिले में स्थानीय धान के साथ दंतेवाड़ा, बीजापुर के धान को सुरक्षित रखने के लिए मार्कफेड के अधिकारियों ने पहली बार तीन जगह पर संग्रहण केंद्र बनाकर धान रखवा दिया है !लेकिन इसकी सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं किए गए हैं !इस वजह से बारिश में यह धान भीग रहा है !सबसे ज्यादा लापरवाही जगदलपुर शहर से लगे नियानार धान संग्रहण केंद्र में बरती जा रही है!वहां हजारों क्विंटल धान रखरखाव के अभाव में बारिश में भीग कर अंकुरित हो गया है !

खराब धान को ताल पतरी से ढका गया

जानकारी के मुताबिक जगदलपुर के नियानार संग्रहण केंद्र में इस साल करीब 110 करोड़ रुपए का ध्यान रखा गया है !इस केंद्र की प्रभारी ओमप्रकाश ने दावा किया कि यहां धान को बचाने के लिए हर तरह की व्यवस्था की गई है !लेकिन संग्रहण केंद्र में 300 से अधिक बोरे में धान अंकुरित हो गए हैं !इसके अलावा कई क्विंटल धान बेमौसम बारिश में भीग जाने के चलते पूरी तरह से काला पड़कर खराब हो गया है !इस धान को अब मिलर्स भी नहीं उठा रहे हैं! संग्रहण केंद्र की प्रभारी की यह लापरवाही पकड़ में ना आए इसके लिए केंद्र प्रभारी ने अंकुरित और बारिश की वजह से खराब हुआ धान को ताल पतरी से ढकवा दिया है!


15 लाख क्विंटल केंद्रों में जाम पड़ा है धान, जांच के बाद होगी कार्यवाही

इधर जिले की तीन संग्रहण केंद्रों में करीब 15 लाख क्विंटल धान रखा हुआ है !इनमें से हजारों क्विंटल धान रखरखाव के अभाव में अंकुरित हो गया है !इस मामले में जिले के डीएमओ राजेंद्र कुमार ध्रुव ने कहा की संग्रहण केंद्र में धान को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी केंद्र के प्रभारियों की है! धान बारिश में ना भींग पाए इसके लिए हर तरह की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं !इसके बावजूद धान की सुरक्षा को लेकर संग्रहण केंद्रों के प्रभारी लापरवाही बरत रहे हैं !इस मामले की जांच कर कार्यवाही की जाएगी !

केंद्र प्रभारियों का क्या कहना है

वहीं केंद्र प्रभारियों का कहना है कि बारिश के बाद निकलने वाली धूप के चलते बनने वाली भाप इसी कैप कवर के अंदर बनती है !इस वजह से लाट के चारों ओर का धान गीला हो जाता है ,और खराब हो जाता है !हालांकि बचे हुए धान को बाद में अलग कर बोरी में भर दिया जाता है! इधर धान को लेकर बढ़ती जा रही इस घोर लापरवाही के लिए केंद्र की प्रभारी डीएमओ समय पर धान का उठाव नहीं होना भी बता रहे हैं!वजह जो भी हो इस साल भी पिछले साल की तरह हजारों क्विंटल धान की खराब होने से सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान होने की आशंका है..!