Latest:
Event More Newsछत्तीसगढ़जानकारीजुर्मविविध

CG Breaking : छत्तीसगढ़ के जंगलों में लगी भीषण आग…पेड़ों के साथ आयुर्वेदिक औषधियां भी जलकर हो रही खाक…आग बुझाने का कार्य नहीं कर रहा वन विभाग…पढ़ें पूरी खबर



मनेन्द्रगढ़- चिरमिरी- भरतपुर -: छत्तीसगढ़ के यहां वन विभाग की लापरवाही की नतीजा यह आ रही है कि ‘जंगलों की सुरक्षा करना सबकी जिम्मेदारी है.’ ये सब स्लोगन केवल दीवारों पर लिखवा कर वन विभाग चैन की नींद सो रहा है. मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के मनेन्द्रगढ़ के अंतर्गत आने वाले कुँवारपुर वन परिक्षेत्र में लंबे समय से जंगलों में आग लगी हुई है.

लेकिन वन विभाग का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है. अगर जल्दी ही जंगलों की आग को नहीं बुझाया गया तो काफी क्षति हो सकती है.

आग बुझाने का प्रयास भी नहीं कर रहा विभाग

ज्ञात हो कि, कुंवारपुर वन परिक्षेत्र के बीट नंबर 1267 के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है. इससे कई पौधे जलकर राख हो गए हैं. हवा के झोंकों के साथ जंगल लगातार जल रहे हैं. आग की लपटें उठती देख वन विभाग आग बुझाने का प्रयास भी नहीं कर रहा है. अगर आग पर काबू नहीं पाया गया तो पूरा जंगल खत्म हो जाएगा. स्थानीय ग्रामीणों के सूचना देने के बाद भी वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची.

ग्रामीणों की शरारत से लगी आग

दरअसल, जनकपुर के मनेन्द्रगढ़ रोड के किनारे से पेंड्राटोल नामक जगह पर सागौन के हजारों वृक्ष लगे हुए हैं. इस जंगल में गर्मी और पतझड़ के कारण सूखे पत्तों की भरमार हो जाती हैं. कुछ ग्रामीण शरारत के तौर पर जंगल में आग लगा देते हैं. इससे उनके घरों के तरफ जंगली जानवर भी नहीं आते हैं. लेकिन इस बार ये आग अचानक धधक उठी.

वन समिति भी है सुस्त

फिलहाल, विभाग स्तर पर जंगलों को सुरक्षित करने के लिए वन समिति भी बनाई गई है, लेकिन आग को बुझाने में समिति की सक्रिय भूमिका दिखाई नहीं दे रही है. जंगलों में सागौन के वृक्ष हैं. आग से भारी मात्रा में सागौन के पौधे नष्ट हो रहे हैं. वन समितियों के लिए तेंदू के पत्ते रोजगार का साधन हैं. इसी तरह आयुर्वेद में उपयोगी बहुत-सी जंगली वनस्पति भी जलकर राख हो गई हैं.