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यूक्रेन में फंसी छत्तीसगढ़ की बेटी आयशा जॉर्ज, जनसेवक आफताब आलम ने राष्ट्रपति के संयुक्‍त सचिव से की बात, पोलैंड बॉर्डर पर लाए गए सभी छात्र…..

वर्तमान भारत ।

रोहित कुमार की रिपोर्ट

वर्तमानयूक्रेन में फंसी छत्तीसगढ़ की बेटी आयशा जॉर्ज, जनसेवक आफताब आलम ने राष्ट्रपति के संयुक्‍त सचिव से की बात, पोलैंड बॉर्डर पर लाए गए सभी छात्र…..छत्‍तीसगढ़ के राजनांदगांव (मानपुर) की बेटी आयशा जॉर्ज यूक्रेन में फंसी हुई। अपने माता-पिता से संपर्क बिलखने लगी। कहा- हम यहां किसी से मदद के लिए कह भी नहीं सकतें हैं। यहां किसी को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा तो कोई चाकलेट खाकर ही गुजारा कर रहा है। यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। जो जैसा कह रहा, बेटी के माता-पिता उसके पास जाकर बिलख रहे। मानपुर के सीईओ डीडी मांडले से संपर्क किया और अपनी बेटी की पूरी जानकारी देकर मदद के लिए कहा।सीईओ डीडी मांडले ने पूरी जानकारी कलेक्टर व एसपी को दी। साथ ही छत्तीसगढ़ भिलाई-3 निवासी जनसेवक आफताब आलम को भी जानकारी दी। जनसेवक आफताब आलम ने बिना देर किए भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी के संयुक्‍त सचिव से फोन पर बात की। और आयशा जॉर्ज की पूरी जानकारी दी। राष्ट्रपति जी के संयुक्त सचिव ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए सिर्फ 1 घंटे के अंदर ही फॉरेंसिक मिनिस्ट्री एक्सटर्नल अफेयर्स और इंडियन एम्बेसी को सूचित किया और तत्काल कार्यवाही के लिए भी कहा।थोड़ी देर बाद ही राष्ट्रपति भवन से जनसेवक आफताब आलम को फोन आया और बोलें कि आपके द्वारा दी गई जानकारी पर कार्रवाई की जा रही है। फिर कुछ ही घंटों में यूक्रेन में फंसी छत्तीसगढ़ मानपुर की बेटी आयशा जॉर्ज ने जनसेवक आफताब आलम को व्हाट्सएप पर मैसेज करके जानकारी दी। कहा-इंडियन एम्बेसी मुझसे संपर्क किए है। आयशा के साथ ही सात अन्‍य विद्यार्थी भी हैं, जो भारत के विभिन्न राज्यों के है। पूरी जानकारी लेकर इंडियन एम्बेसी ने गाड़ी भेजी है। सुरक्षित तरीके से पोलैंड की सीमाओं तक ले जाया गया।सुरक्षित स्‍थान पर पहुंचते ही आयशा जॉर्ज ने अपने सात मित्रों के साथ सेल्फी लेकर जनसेवक आफताब आलम को फोटो साझा किया। और कहां सभी को वहां से भारत लाने की तैयारी चल रही है। यह सुनकर जनसेवक आफताब आलम ने तुरंत ही बेटी के माता-पिता और सीईओ को बताया और माता-पिता और सीईओ बेहद खुश हो गए। बता दें कि जनसेवक आफताब आलम को 2016 में राष्ट्रपति पुरस्कार एवं प्रदेश के विभिन्न स्तरों में सम्मान प्राप्त हो चुका है। दो बार गिनिस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड व दो बार गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड एवं एक बार एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल हों चुका है। जनसेवक आफताब आलम ने कहा आप सबका साथ ही मेरी असली ताकत है।

छत्‍तीसगढ़ के राजनांदगांव (मानपुर) की बेटी आयशा जॉर्ज यूक्रेन में फंसी हुई। अपने माता-पिता से संपर्क बिलखने लगी। कहा- हम यहां किसी से मदद के लिए कह भी नहीं सकतें हैं। यहां किसी को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा तो कोई चाकलेट खाकर ही गुजारा कर रहा है। यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। जो जैसा कह रहा, बेटी के माता-पिता उसके पास जाकर बिलख रहे। मानपुर के सीईओ डीडी मांडले से संपर्क किया और अपनी बेटी की पूरी जानकारी देकर मदद के लिए कहा।

सीईओ डीडी मांडले ने पूरी जानकारी कलेक्टर व एसपी को दी। साथ ही छत्तीसगढ़ भिलाई-3 निवासी जनसेवक आफताब आलम को भी जानकारी दी। जनसेवक आफताब आलम ने बिना देर किए भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी के संयुक्‍त सचिव से फोन पर बात की। और आयशा जॉर्ज की पूरी जानकारी दी। राष्ट्रपति जी के संयुक्त सचिव ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए सिर्फ 1 घंटे के अंदर ही फॉरेंसिक मिनिस्ट्री एक्सटर्नल अफेयर्स और इंडियन एम्बेसी को सूचित किया और तत्काल कार्यवाही के लिए भी कहा।

थोड़ी देर बाद ही राष्ट्रपति भवन से जनसेवक आफताब आलम को फोन आया और बोलें कि आपके द्वारा दी गई जानकारी पर कार्रवाई की जा रही है। फिर कुछ ही घंटों में यूक्रेन में फंसी छत्तीसगढ़ मानपुर की बेटी आयशा जॉर्ज ने जनसेवक आफताब आलम को व्हाट्सएप पर मैसेज करके जानकारी दी। कहा-इंडियन एम्बेसी मुझसे संपर्क किए है। आयशा के साथ ही सात अन्‍य विद्यार्थी भी हैं, जो भारत के विभिन्न राज्यों के है। पूरी जानकारी लेकर इंडियन एम्बेसी ने गाड़ी भेजी है। सुरक्षित तरीके से पोलैंड की सीमाओं तक ले जाया गया।

सुरक्षित स्‍थान पर पहुंचते ही आयशा जॉर्ज ने अपने सात मित्रों के साथ सेल्फी लेकर जनसेवक आफताब आलम को फोटो साझा किया। और कहां सभी को वहां से भारत लाने की तैयारी चल रही है। यह सुनकर जनसेवक आफताब आलम ने तुरंत ही बेटी के माता-पिता और सीईओ को बताया और माता-पिता और सीईओ बेहद खुश हो गए। बता दें कि जनसेवक आफताब आलम को 2016 में राष्ट्रपति पुरस्कार एवं प्रदेश के विभिन्न स्तरों में सम्मान प्राप्त हो चुका है। दो बार गिनिस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड व दो बार गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड एवं एक बार एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल हों चुका है। जनसेवक आफताब आलम ने कहा आप सबका साथ ही मेरी असली ताकत है।