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Children’s Day 2022: बाल दिवस का इतिहास,महत्व और बच्चों के क्या हैं अधिकार…जाने संपूर्ण जानकारी

अंबिकापुर । वर्तमान भारत ।

लेख – गजाधर पैकरा

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की (जयंती) जन्मदिन को “बाल दिवस” के रूप में मनाया जाता है। बाल दिवस प्रत्येक वर्ष भारत में 14 नवंबर को मनाया जाता है। “चाचा नेहरू” बच्चों से बेइंतहा प्यार करते थे। उनके साथ बहुत बातचीत करते थे। बाल दिवस को पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि देने के रूप में मनाया जाता है। जानिए हम पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि के रूप में बाल दिवस क्यों मनाते हैं। इस दिन का महत्व और बच्चों के अधिकार…

बाल दिवस की इतिहास और महत्व

भारत में बाल दिवस 20 नवंबर को 1964 तक मनाया गया। क्योंकि विश्व बाल दिवस उसी तारीख को मनाया जाता है। जवाहरलाल नेहरू के स्वर्गवास के पश्चात उन्हें श्रद्धांजलि देने के रूप में 14 नवंबर को बाल दिवस मनाने का फैसला लिया गया।

पंडित नेहरू सदा बच्चों और उनके अधिकारों के लिए आगे बढ़े। बच्चों के लिए उनके प्रसिद्ध कोट्स में से एक है- “आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे, जिस तरह से हम उन्हें लाएंगे, वही देश का भविष्य तय करेंगे” बच्चों की शिक्षा के लिए उनके पास बहुत विकसित दृष्टि थी। एम्स, आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थान उनकी ही नजरिए के अनुसार स्थापित किए गए हैं।

बाल दिवस बच्चों के अधिकार

◾6 से 14 साल के सभी बच्चों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा का अधिकार।

◾ किसी भी खतरनाक रोजगार से सुरक्षित होने का अधिकार।

◾ बचपन की देखभाल और शिक्षा का अधिकार।

◾ दुरुपयोग से सुरक्षित रहने का अधिकार।

◾ स्वस्थ तरीके से विकास करने के लिए समान अवसरों और सुविधाओं का अधिकार।

स्कूलों में बाल दिवस की अवकाश

बाल दिवस में कोई अवकाश तो नहीं है। स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थान बाल दिवस को मनाते हैं। और छात्रों के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।