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पत्थलगांव के लुड़ेग पंचायत के सरपंच,सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप…ग्रामीणों ने लिखित शिकायत पर जनपद सीईओ से कार्यवाही की मांग की…पढ़ें पूरी खबर

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

पत्थलगांव/जशपुर (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत। जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम पंचायत लुड़ेग का यह मामला है। जहां जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने सरपंच और सचिव पर भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने जनपद सीईओ से लिखित शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की थी।

ग्रामीणों की शिकायत पर सीईओ ने जांच टीम बनाया था। अधिकारियों ने सरपंच एवं सचिव द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच आरंभ की और जांच में दस्तावेजों में भारी अनियमितता पाई गई। यह पूरा मामला पत्थलगांव की ग्राम पंचायत लुड़ेग का है।

दरअसल जनपद के अधिकारियों ने जांच करने के पश्चात जांच प्रतिवेदन सीईओ के पास जमा नहीं किया। इस मामले में जांच अधिकारियों की भी मिलीभगत होने की संभावना जताई जा रही है। आखिर जांच की कार्यवाही होने के बावजूद भी भ्रष्टाचार करने वाले सरपंच और सचिव पर अधिकारियों का मेहरबानी, हो ना हो कहीं ना कहीं कई सवाल खड़ा करता है।

फिलहाल जनपद सीईओ आखिर इन अधिकारियों से कब तक जांच प्रतिवेदन की फाइल जमा कराएंगे। और कब इस लुड़ेग पंचायत के भ्रष्टाचारी सरपंच और सचिव पर विधिवत कार्यवाही किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत लुड़ेग के सरपंच अरविंद भगत के विरुद्ध कुछ दिन पूर्व अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया था। लेकिन वह पास नहीं हो सका।

कई वर्षों से सचिव रह रहे सुरेश यादव 2 ग्राम पंचायतों का कार्यभार संभालते आ रहे हैं, और सरपंच के साथ मिलकर लगातार भ्रष्टाचार की कार्य को अंजाम दे रहे हैं। जिसके कारण पंचायत की विकास कार्य पर बुरा असर पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच और सचिव विकास कार्य या कोई निर्माण कार्य नहीं किया है। पंचायत के उपसरपंच ने बताया कि पंचायत में व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए दुकान निर्माण किए गए हैं। जिसके लिए दुकान नीलाम कर 12 हजार प्रति दुकान से लिया गया था। लेकिन उक्त राशि का उपयोग पंचायत के विकास में नहीं किया गया है।

उपसरपंच की अनुसार उसका उपयोग निजी हित के लिए किया गया। सरपंच और सचिव ने टेप नल के लिए लाखों रुपए, सीसी रोड निर्माण के लिए 2 लाख 50 हजार रुपए निकाले। लेकिन उन पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने सरपंच और सचिव के खिलाफ शिकायत कर जांच की मांग की हैं।