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हाथियों की खबर, ड्रोन पर रखी जाएगी नजर.! जशपुर में हाथियों की लोकेशन ट्रेस कर ड्रोन से रखी जा रही है नजर…जन और संपत्ति हानि में अब आएगी कमी…पढ़ें पूरी खबर



जशपुरनगर :- छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक हाथी प्रभावित क्षेत्र में शामिल जशपुर जिले में अब हाथियों की हलचल पर नजर रखने के लिए वन विभाग को ड्रोन का साथ मिल गया है। इसकी सहायता से वन विभाग घने जंगलों के बीच विचरण कर रहे हाथियों के दल की लोकेशन ट्रेस कर प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को सचेत कर सकेगी।

उल्लेखनीय है कि, ड्रोन की सहायता से आने वाले समय में जन और सम्पत्ति हानि को कम करने में सहायता मिलने की आशा की जा रही है। इस ड्रोन का प्रयोग जिले के घोर हाथी प्रभावित वन परिक्षेत्र तपकरा में इन दिनों किया जा रहा है। दो दिन पूर्व 4 मार्च की रात को तुमला के सतपुरिया जंगल में उड़ान के दौरान यह ड्रोन अचानक लापता हो गया था। दो दिन की लगातार खोज के बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने इसे ढूंढ़ लिया।

बता दें कि, डीएफओ जितन्द्र उपाध्याय ने बताया कि बैटरी डिस्चार्ज हो जाने की वजह यह सुरक्षित उतर गया था। ड्रोन पूरी तरह से सुरक्षित है। जानकारी के लिए बता दें कि जशपुर जिले में हाथी की समस्या साल दर साल गहरी होती जा रही है। हाथियों के बढ़ते हुए हलचल से बढ़ रहे जन और संपत्ति हानि से हाथी मानव द्वंद्व की स्थिति निर्मित होने लगी है।

6 साल में 89 जिलेवासियों की मौत

ज्ञात हो कि, विधानसभा के बजट सत्र में पत्थलगांव विधायक गोमती साय द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में वन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच जशपुर जिले में हाथियों के कुचले जाने से 89 लोगों की मौत की घटनाएं हो चुकी है। उन्होनें बताया कि मृतकों के स्वजनों को 5 करोड़ 58 लाख 25 हजार रूपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़े के अनुसार प्रश्नांकित वर्षो में सबसे अधिक 20 मौत वर्ष 2019-20 में हुई थी।

समस्या से निबटने के लिए इस तरह किए जा रहे प्रयास

दरअसल, वन मंत्री केदार कश्यप ने विधायक गोमती साय के प्रश्न का लिखित उत्तर में बताया है कि जशपुर जिले में हाथी की गंभीर समस्या से निबटने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। उन्होनें बताया कि हाथी विचरण का लोकेशन इंटरनेट मीडिया और मुनादी के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र में उपलब्ध कराकर लोगों को सचेत किया जाता है। गजराज दल और हाथी मित्र दल के माध्यम से हाथियों के हलचल की निगरानी, आकाशवाणी से हाथियों के हलचल की जानकारी उपलब्ध कराना,हाथी सहित सभी वन्य प्राणियों के लिए कारीडोर क्षेत्र में सुरक्षित ठिकाना और चारा उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि हाथियों को आबादी क्षेत्र में रोके रखा जा सके।

बजट सत्र में विधायकों ने उठाया मामला

फिलहाल, जिले में साल दर साल गहराते जा रहे हाथी समस्या का मामला विधानसभा के चालू बजट सत्र में जोर शोर से उठा है। पत्थलगांव विधायक गोमती साय और जशपुर विधायक रायमुनि भगत ने इस मामले का प्रश्नकाल में उठाकर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया है। उल्लेखनीय है कि ओडिशा और झारखंड की अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित जशपुर जिले के 8 में से 6 ब्लाक हाथी प्रभावित क्षेत्र के दायरे में आ चुके हैं। इससे साल दर साल जन और संपत्ति हानि का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।

‘जिले में ड्रोन की सहायता से हाथियों की हलचल पर नजर रखी जा रही है. इससे हाथियों का लोकेशन प्राप्त कर प्रभावित क्षेत्र के रहवासियों को सुरक्षित करने में सहायता मिलेगी’ -जितेन्द्र उपाध्याय,डीएफओ,जशपुर